अपडेटेड 2 April 2024 at 22:56 IST
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग पर बरसे जो बाइडेन, फोन करके लगा दी क्लास; कई मुद्दों पर जताया कड़ा विरोध
Joe Biden vs Xi Jinping: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फोन पर बात की।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Joe Biden vs Xi Jinping: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच शीर्ष नेतृत्व के बीच नियमित संवाद की बहाली को प्रदर्शित करते हुए एक फोन कॉल के दौरान ताइवान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।
कैलिफोर्निया में नवंबर में हुए शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं की यह पहली बातचीत थी। उन्होंने दोनों देशों की सेनाओं के संबंधों और चीन से घातक फेंटानिल के प्रवाह को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। आपको बता दें कि फेंटानिल एक ‘सिंथेटिक’ दर्दनिवारक औषधि है जिसका इस्तेमाल नशे के लिए भी किया जाता है।
ताइवान को लेकर भी बाइडेन ने जताया विरोध
यह कॉल दोनों देशों के बीच अगले कुछ हफ्तों में होने वाले उच्च-स्तरीय संपर्क की भी शुरुआत है, जिसमें वित्त मंत्री जेनेट येलेन बृहस्पतिवार को चीन की यात्रा करने वाली हैं। वहीं विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आने वाले हफ्तों में चीन की यात्रा करेंगे।
दोनों नेताओं ने ताइवान पर भी चर्चा की। उनकी यह बातचीत द्वीप के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के अगले महीने पद संभालने से पहले हुई है। बाइडन ने अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही “एक चीन” नीति की पुष्टि की और दोहराया कि अमेरिका ताइवान को बीजिंग के नियंत्रण में लाने के लिए जबर्दस्ती करने के किसी भी साधन का विरोध करता है। चीन ताइवान को एक घरेलू मामला मानता है और उसने इस द्वीप के लिए अमेरिकी समर्थन का कड़ा विरोध किया है।
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दक्षिण चीन सागर मुद्दे को भी उठाया
बाइडन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के अभियान पर भी चिंता जताई। अगले हफ्ते, बाइडन व्हाइट हाउस में फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की एक संयुक्त शिखर सम्मेलन के लिए मेजबानी करेंगे। इस शिखर सम्मेलन के एजेंडा में ‘क्षेत्र में चीन के प्रभाव’ को सबसे ऊपर रखा गया है।
शी के साथ बातचीत में बाइडन ने चीन पर अवैध मादक पदार्थों के प्रवाह को रोकने और उनके निर्यात को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के वास्ते अधिक प्रयास करने का दबाव डाला। उन्होंने चीन में मानवाधिकारों को लेकर भी चिंता जताई, जिसमें हांगकांग के नए प्रतिबंधात्मक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और अल्पसंख्यक समूहों के साथ व्यवहार शामिल है। उन्होंने चीन में हिरासत में लिए गए या बाहर निकलने से रोके गए अमेरिकी नागरिकों की परेशानी का मुद्दा भी उठाया।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 2 April 2024 at 22:56 IST