अपडेटेड 23 June 2025 at 23:56 IST
अमेरिका से बदला लेने के लिए ईरान ने अमेरिकी एयरबेसों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ईरान ने अपने देश समेत सीरिया और कतर में अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाया है। जानकारी के अनुसार ईरान ने तीनों एयरबेस पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस वक्त डिफेंस सेक्रेटरी के साथ कॉन्फ्रेंस मीटिंग कर रहे हैं।
वहीं कतर ने अमेरिकी एयरबेस पर हुए ईरानी हमले की निंदा की है। एक तरफ ईरान ने कतर-सीरिया में एक्शन लिया, वहीं दूसरी ओर अमेरिका में मंथन शुरू हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ईरान को जवाब देने की रणनीति बना रहे हैं। ईरान ने इस हमले को लेकर कहा कि ईरानी सेना ने हमले में उतनी ही संख्या में बमों का इस्तेमाल किया, जितने अमेरिका ने परमाणु ठिकानों पर किया था।
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि व्हाइट हाउस और पेंटागन कतर में अल उदेइद एयर बेस पर संभावित खतरों से अवगत हैं और उन पर कड़ी निगरानी रखे हुए है। सीरिया, इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान सहित मिडिल ईस्ट में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर सायरन बजना जारी है।
इजरायली डिफेंस फोर्स IDF ने दक्षिणी ईरान में हमला कर रही है। लक्ष्यों में मिसाइल और ड्रोन गोदाम शामिल थे। सेना की खुफिया इकाई के मार्गदर्शन में, लगभग 15 इजरायली सेना के फाइटर जेट ने कुछ मिनट पहले दक्षिणी ईरान में हमलों ताबड़तोड़ हमले शुरू किए हैं। आईडीएफ ने पिछले 24 घंटों में ईरान की ओर से इजरायल पर दागी जाने वाली 75% मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। आखिरकार केवल 20 मिसाइलें ही दागी जा सकीं।
कुवैत, इराक, बहरीन, कतर और UAE ने सोमवार को अपना एयरस्पेस बंद कर दिया। कतर ने अमेरिकी बेस अल-उदीद पर ईरानी हवाई हमले की आशंका जताई थी। दरअसल, 22 जून को अमेरिका द्वारा अपने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल करके ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों जैसे कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले किए। अमेरिका ने ईरान पर हमले के लिए हाइटेक फाइटर जेट का उपयोग किया, जो अटलांटिक महासागर के ऊपर 36 घंटे से अधिक समय तक बिना रुके उड़ान भरता रहा और शनिवार देर रात या रविवार को तड़के ईरानी परमाणु स्थलों पर बड़े पैमाने पर सटीक बमबारी की।
पब्लिश्ड 23 June 2025 at 23:14 IST