अपडेटेड 21 September 2025 at 07:38 IST

'किसी मगरूर के आगे हमारा सिर नहीं झुकता', ईरान ने ट्रंप के 'घमंड' को ललकारा, कहा- वे हमारे न्यूक्लियर बेस पर हमला कर सकते हैं लेकिन...

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने स्पष्ट कहा है कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय दबावों के आगे झुकेगा नहीं, बल्कि हर चुनौती का सामना करेगा।

Iran's Ayatollah Khamenei and US President Donald Trump
Iran's Ayatollah Khamenei and US President Donald Trump | Image: AP

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने स्पष्ट कहा है कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय दबावों के आगे झुकेगा नहीं, बल्कि हर चुनौती का सामना करेगा। यह बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तेहरान पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के प्रस्ताव के खारिज होने के बाद आया है। इस फैसले से नाराज पेजेशकियन ने जोर देकर कहा कि ईरान किसी भी पाबंदी को पार करने का रास्ता ढूंढ लेगा।

सरकारी टेलीविजन पर दिए मैसेज में उन्होंने कहा कि तथाकथित ‘स्नैपबैक मैकेनिज्म’ उनके रास्ते को रोकने की कोशिश करता है, लेकिन इंसानी बुद्धि और विचार ही नए रास्ते बनाने की ताकत रखते हैं।

'वे हमारे ठिकानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन...'

पेजेशकियन ने अपने भाषण में जून माह में हुए उन हमलों का भी जिक्र किया, जो अमेरिका और इजरायल पर आरोपित हैं। इन हमलों का निशाना नातांज और फोर्डो के परमाणु केंद्र बने थे। राष्ट्रपति ने कहा, “वे हमारे ठिकानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन यह नहीं समझते कि नातांज और फोर्डो को दोबारा खड़ा करने की क्षमता भी इंसानों के पास ही है।”

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने पिछले महीने प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के लिए 30 दिन की प्रक्रिया शुरू की थी। पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान ने 2015 में हुए उस परमाणु समझौते का पालन नहीं किया, जिसका उद्देश्य उसकी परमाणु गतिविधियों को सीमित करना था।

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आत्मसमर्पण नहीं करेगा ईरान

पेजेशकियन ने कहा कि उनका देश किसी भी तरह की "अत्यधिक मांगों" को ठुकराएगा और आत्मसमर्पण नहीं करेगा। उनके अनुसार, ईरान के पास हालात को बदलने की पूरी शक्ति है।

गौरतलब है कि 2015 के परमाणु समझौते, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) कहा जाता है, में यह प्रावधान शामिल था कि अगर ईरान शर्तों का पालन नहीं करता है तो कोई भी हस्ताक्षरकर्ता "स्नैपबैक मैकेनिज्म" के जरिए पुरानी संयुक्त राष्ट्र पाबंदियों को फिर से लागू कर सकता है। इस समझौते के तहत ईरान ने प्रतिबंधों में राहत के बदले अपनी परमाणु गतिविधियों को सीमित करने का वादा किया था।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 21 September 2025 at 07:38 IST