अपडेटेड 16 May 2025 at 15:31 IST
Zero Tariff: भारत ट्रंप को ऑफर कर रहा जीरो टैरिफ, क्या है इसका मतलब, बिना टैक्स बिकेंगे अमेरिकी सामान? जानिए सबकुछ
अगर 'शून्य टैरिफ' का नियम लागू भी होता है, तो यह सभी वस्तुओं पर लागू नहीं होगा। भारत और अमेरिका के बीच 'zero for zero tariff' की चर्चा फिलहाल कुछ विशेष उत्पादों जैसे स्टील, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स तक सीमित है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम बयान देते हुए दावा किया कि भारत ने अमेरिका की कई वस्तुओं पर 'शून्य टैरिफ' (0% टैरिफ) लगाने का प्रस्ताव दिया है। ट्रंप ने Apple के CEO टिम कुक से भी कहा कि वे भारत में प्रोडक्शन न करें, क्योंकि भारत पहले ही 'शून्य टैरिफ' की पेशकश कर चुका है, ऐसे में प्रोडक्शन कहीं भी हो इसको लेकर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह बयान भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और टैरिफ डील को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं गुरुवार (15 मई) को ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के 'शून्य टैरिफ' वाले बयान के थोड़ी देर बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि जब तक सभी पहलुओं पर सहमति नहीं बन जाती तब तक कोई भी फैसला तय नहीं माना जा सकता।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोर दिया कि किसी भी व्यापार समझौते को परस्पर लाभकारी और दोनों देशों के हित में होना चाहिए। इसलिए, इस पर जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा। ट्रंप और जयशंकर के बयानों के बाद अब इस बात पर चर्चा तेज हो गई है कि अगर वाकई ‘शून्य टैरिफ’ (Zero Tariff) लागू होता है, तो क्या सभी आयात-निर्यात पर टैक्स खत्म हो जाएगा या इसमें भी कोई पेंच है। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘शून्य टैरिफ’ का मतलब यह नहीं कि हर उत्पाद पर टैक्स हट जाएगा। यह केवल उन विशेष वस्तुओं या सेवाओं पर लागू होता है जिन पर दोनों देशों के बीच सहमति बनती है। यानी यह एक सीमित दायरे वाला समझौता हो सकता है, न कि संपूर्ण व्यापार पर लागू होने वाला नियम। इसलिए ज़रूरी है कि ‘शून्य टैरिफ’ को उसके असली संदर्भ और गणित के साथ समझा जाए। आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का गणित
क्या होता है Zero Tariff का मतलब?
'शून्य टैरिफ' का अर्थ है कि दो देशों के बीच व्यापार में आयात या निर्यात होने वाले उत्पादों पर कोई अतिरिक्त सीमा शुल्क (Custom Duty) या टैक्स नहीं लगाया जाएगा। यदि भारत और अमेरिका के बीच यह 'Zero Tariff' डील लागू होती है, तो इसका मतलब होगा कि व्यापारिक वस्तुओं पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगेगा, जिससे व्यापार सस्ता और सुगम हो सकता है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि सभी टैक्स खत्म हो जाएंगे मूलभूत या एवरेज टैरिफ अभी भी लागू रह सकते हैं। यानी पूरी तरह टैक्स-मुक्त व्यापार नहीं, बल्कि कुछ उत्पादों पर रियायत दी जा सकती है।
क्या भारत-अमेरिका के बीच सभी तरह के टैक्स शून्य हो जाएंगे?
अगर 'शून्य टैरिफ' का नियम लागू भी होता है, तो यह सभी वस्तुओं पर लागू नहीं होगा। भारत और अमेरिका के बीच 'zero for zero tariff' की चर्चा फिलहाल कुछ विशेष उत्पादों जैसे स्टील, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स तक सीमित है। दोनों देशों के बीच पारस्परिक (reciprocal) व्यवस्था लागू होगी, यानी एक देश जितनी छूट देगा, दूसरा भी उतनी ही देगा। ऐसे में केवल चुनिंदा और आपसी सहमति वाले सामानों पर ही टैरिफ हटाने की संभावना है। यह कोई व्यापक समझौता नहीं, बल्कि सीमित वस्तुओं पर आधारित एक रणनीतिक व्यापार डील होगी।
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दोनों देशों के बीच टैरिफ को चर्चा जारी
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत जारी है, और दोनों दशों के बीच जल्द ही एक बिजनेस डील होने की संभावना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत स्टील, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे कुछ खास क्षेत्रों में टैरिफ कम करने पर विचार कर रहा है। यह पहल दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और परस्पर लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
जानिए भारत अमेरिका के बीच कितने फीसदी की टैरिफ डील
2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे कुछ दिनों बाद 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया। अमेरिका का दावा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर औसतन 52% टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका भारत से आने वाले सामान पर सिर्फ 2.2% का औसत टैरिफ लगाता है। वहीं, भारत का अमेरिकी उत्पादों पर औसत टैरिफ लगभग 10% है। इस टैरिफ असंतुलन को लेकर ही दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता जारी है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 16 May 2025 at 15:31 IST