अपडेटेड 14 July 2024 at 17:17 IST
Donald Trump: 'कैसे बयां करूं दर्द...', जब US राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर चली थी गोली, बेटी की आपबीती
US News: रोनाल्ड रीगन वाशिंगटन में एक भाषण छोड़कर अपने काफिले की ओर जा रहे थे, तभी भीड़ में मौजूद जॉन हिंकले जूनियर ने उन्हें गोली मार दी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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US News: रोनाल्ड रीगन वाशिंगटन में एक भाषण छोड़कर अपने काफिले की ओर जा रहे थे, तभी भीड़ में मौजूद जॉन हिंकले जूनियर ने उन्हें गोली मार दी। रीगन मार्च 1981 की गोलीबारी से उबर गए। उनके प्रेस सचिव जेम्स ब्रैडी सहित तीन अन्य लोगों को गोली मार दी गई, जो आंशिक रूप से अपाहिज हो गए।
रोनाल्ड रीगन की बेटी पैटी डेविस एक एक्ट्रेस और लेखिका हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख के जरिए अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा है कि एक शूटिंग आपके परिवार की जिंदगी बदल देती है और पूरे देश को भी बदल सकती है।
पैटी डेविस ने क्या लिखा?
30 मार्च 1981 को मैं अपने डॉक्टर के ऑफिस में बैठी थी, जब एक सीक्रेट सर्विस एजेंट दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस आया। पहले तो मुझे यह सोचकर गुस्सा आया कि अब वो मेरे थेरेपी सेशन में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं, लेकिन फिर मैंने देखा कि उसका चेहरा कितना पीला पड़ गया था। उसने कहा- 'पैटी, वहां गोलीबारी हुई है।'
डेविस ने लिखा- 'वह दिन मेरी जिंदगी के सबसे लंबे दिनों में से एक था। मुझे नहीं पता था कि मेरे पिता, रोनाल्ड रीगन जीवित रहेंगे या नहीं, और मुझे बाद में पता चला कि उनके सीने में गोली के टुकड़े खोज रहे डॉक्टरों को भी नहीं पता था। मेरी मां मेरे पिता की एक शर्ट को अपने चेहरे से चिपकाकर सो रही थी। मेरे पिता अस्पताल के बिस्तर पर पीले, नाजुक हालत में पड़े थे। उसके बाद के दिनों में देश का मूड स्तब्ध था।'
डेविस ने किया ट्रंप का जिक्र
डेविस ने ट्रंप पर हुए हमले को लेकर कहा- 'मुझे नहीं पता कि डोनाल्ड ट्रंप के परिवार के सदस्य कहां थे, जब उनकी पेंसिल्वेनिया रैली में गोलियां चलाई गईं। मुझे लगता है कि मैं उस सदमे को जानती हूं जो वे महसूस कर रहे हैं। एक राष्ट्रपति या राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के आसपास के सभी तंत्रों के लिए मैं कहना चाहती हूं कि वे हममें से बाकी लोगों की तरह ही इंसान हैं, और उनका जीवन एक पल में बदल सकता है।'
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उन्होंने आगे लिखा- '1981 की तुलना में अब अमेरिका कहीं अधिक क्रोधित और कहीं अधिक हिंसक है। मुझे नहीं पता कि इस घटना से उसमें कोई नरमी आएगी या नहीं। मैं नहीं जानती कि ट्रंप परिवार को भी वही अनुभव होगा जो मुझे हुआ था। मैं यह भी नहीं जानती कि यह अनुभव ट्रंप को कैसे या क्या बदल देगा। मेरे पिता का मानना था कि भगवान ने उन्हें एक विशेष कारण के लिए बख्शा, सोवियत संघ के साथ शीत युद्ध को समाप्त करने के लिए, परमाणु हथियारों पर किसी प्रकार के समझौते पर पहुंचने की कोशिश करने के लिए। यह संभव है कि अगर उन्हें गोली नहीं मारी गई होती तो उन्होंने और मिखाइल गोर्बाचेव ने जो हासिल किया वह शायद नहीं होता। यह एक इंसान के रूप में आपकी कमजोरी की याद दिलाने का दूसरा हिस्सा है। आपको याद दिलाया जाता है कि समय कीमती है और इसके उपहार का सबसे सार्थक तरीके से उपयोग करना अनिवार्य है, लेकिन कोई भी व्यक्ति उस अनुभूति की व्याख्या कैसे करेगा, इसका अनुमान लगाना असंभव है।'
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 14 July 2024 at 17:13 IST