अपडेटेड 1 August 2025 at 07:25 IST

Donald Trump ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर लगाई आखिरी मोहर, भारत पर 25% और इन 2 देशों पर लगाया 40% टैरिफ, Pakistan पर दिखाई दरियादिली

Tariff War : अमेरिका का 25% टैरिफ भारत के लिए एक चुनौती है, लेकिन यह संकट अवसरों में भी बदला जा सकता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान पर कम टैरिफ क्षेत्रीय व्यापार को प्रभावित कर सकता है।

US President Donald Trump Signs Landmark Crypto Bill Into Law, Revolutionising Stablecoin Regulations
Donald Trump ने रेसिप्रोकल टैरिफ पर लगाई आखिरी मोहर | Image: X

Trump tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से इम्पोर्ट होने वाले सामानों पर 1 अगस्त, 2025 से 25% टैरिफ लागू करने की आधिकारिक घोषणा करदी है। डोनाल्ड ट्रंप ने 70 देशों पर 10% से लेकर 40% तक रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) लगाने का आदेश दिया है। 

अपने फैसले में ट्रंप ने पाकिस्तान पर दरियादिली दिखाते हुए भारत से 6% कम यानी 19% टैरिफ लगाया है। अमेरिका के इस फैसले से क्षेत्रीय व्यापार में बदलाव की संभावना है। ट्रंप के इस टैरिफ फैसले से भारत के टेक्सटाइल और वस्त्र उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, सीफूड (झींगा निर्यात), ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स जैसे कई प्रमुख सेक्टर प्रभावित होंगे। वहीं लाओस और म्यांमार (बर्मा) पर सबसे अधिक 40-40% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है।

पाकिस्तान पर 19% टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर केवल 19% टैरिफ लगाया गया है, जो भारत के 25% की तुलना में काफी कम है। ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ एक तेल भंडार विकास समझौते की घोषणा की है, जिसे भारत के लिए एक रणनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इस कम टैरिफ के कारण पाकिस्तानी उत्पाद, विशेषकर कपड़ा और अन्य निर्यात, अमेरिकी बाजार में भारत की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं।

यहां पढ़ें पूरी लिस्ट-

Advertisement

भारत के लिए चुनौतियां और अवसर

टैरिफ के कारण भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे होंगे, जिससे निर्यात में कमी आ सकती है। वियतनाम, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देश, जिन पर कम टैरिफ लगाया गया है, भारत से आगे निकल सकते हैं। इससे बचने के लिए भारतीय कंपनियां अमेरिकी कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से अमेरिका में उत्पादन शुरू कर सकती हैं, जिससे टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सकता है। भारत को नए बाजारों की तलाश करनी होगी। यूरोप और आसियान (ASEAN) जैसे वैकल्पिक बाजारों में भारत अपने निर्यात को बढ़ा सकता है।

इसके अलावा वैश्विक कंपनियां चीन के अलावा अन्य देशों में निवेश की तलाश में हैं। भारत इस मौके का फायदा उठाकर अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ा सकता है। फार्मा और स्टील सेक्टर टैरिफ से अपेक्षाकृत कम प्रभावित होंगे, जिससे भारत इनमें अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।

Advertisement

ये भी पढ़ें: Trump Tariff: दोस्त-दोस्त कह कर भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और पाकिस्तान में ट्रंप को दिख रहा तेल... प्रेशर पॉलिटिक्स या कुछ और?

(Note: यह एक ब्रेकिंग स्टोरी है। अधिक जानकारी के साथ अपडेट हो रही है)

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 August 2025 at 06:58 IST