अपडेटेड 26 August 2025 at 07:46 IST
चोट, इंफेक्शन या कुछ और...ठीक नहीं है डोनाल्ड ट्रंप की तबीयत? दाहिने हाथ पर फिर दिखा ब्लैक स्पॉट, बार-बार छिपाते दिखे- VIDEO
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दाहिने हाथ पर एक बार फिर दिखे गहरे काले-निशान ने उनकी स्वास्थ्य को लेकर चर्चा छेड़ दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि ट्रंप की तबीयत ठीक नहीं है या फिर उन्हें चोट लगी है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दाहिने हाथ पर एक बार फिर दिखे गहरे काले-निशान ने उनकी स्वास्थ्य को लेकर चर्चा छेड़ दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि ट्रंप की तबीयत ठीक नहीं है या फिर उन्हें चोट लगी है। दरअसल सोमवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग के साथ व्हाइट हाउस की बैठक में जब ट्रंप बात कर रहे थे तो उनके हाथ पर ये निशान दिखा और वो खुद इसे छिपाते नजर आए।
ली जे म्युंग के साथ मीटिंग के दौरान द ओवल ऑफिस में रिजॉल्यूट डेस्क पर बैठे ट्रंप अपने बाएं हाथ से दाहिने हाथ को बार-बार ढकने की कोशिश करते दिखे, जिससे स्पष्ट हो रहा था कि वह अपने दाहिने हाथ पर चोट के निशान को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि इसी साल फरवरी के महीने में ट्रंप के हाथ पर ठीक ऐसा ही निशान देखने को मिला था।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने बताया था कारण
उस वक्त व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने चिंताओं को खारिज करते हुए कहा था कि राष्ट्रपति के हाथ पर यह निशान, बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन के नियमित उपयोग से होने वाली मामूली जलन के कारण है। व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति के निजी चिकित्सक डॉ. सीन बारबाबेला का पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि ये निशान 'बार-बार हाथ मिलाने और हृदय रोग की रोकथाम के लिए ली जाने वाली एस्पिरिन दवा' के कारण हैं। डॉ. बारबाबेला ने पुष्टि की कि ट्रंप को क्रोनिक वेनस इन्सफिशिएंसी (CVI) है, जिसे उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में होने वाला एक सामान्य मेडिकल कंडीशन बताया।
ट्रंप को क्रॉनिक वेनस इनसफीशिएंसी नामक बीमारी है
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जुलाई में, फीफा क्लब विश्व कप देखते हुए उनके पैरों की तस्वीरों ने ऑनलाइन अटकलों को हवा दी थी। इसके तुरंत बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप को क्रॉनिक वेनस इनसफीशिएंसी है, एक ऐसी स्थिति जिसमें पैरों में शिराओं के वाल्व ठीक से काम नहीं करते, जिससे रक्त जमा हो जाता है और दबाव बढ़ जाता है। क्लीवलैंड क्लिनिक ने कहा कि हालांकि यह स्थिति वृद्धों में आम है, लेकिन यह उन लोगों में भी देखी जाती है जो लंबे समय तक बैठते या खड़े रहते हैं, जिनका वजन ज्यादा है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 26 August 2025 at 07:46 IST