अपडेटेड 8 October 2025 at 08:32 IST
अब कनाडा के PM ने मिलाए ट्रंप के सुर में सुर, भारत-PAK सीजफायर के झूठे दावे को ठहराया सही, कहा- आप बदलाव लाने वाले राष्ट्रपति
World News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो बार-बार भारत-पाकिस्तान में सीजफायर कराने का क्रेडिट खुद को दे ही रहे हैं। अब इन झूठे दावों में उन्हें कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का भी साथ मिला है। उन्होंने ट्रंप के सुर में सुर मिलाते हुए उन्हें दोनों देशों में शांति स्थापित कराने का श्रेय दिया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
- 3 min read

Donald Trump- Mark Carney: पाकिस्तान के बाद अब एक और देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चापलूसी में जुट गया है। जिस कनाडा को कुछ समय पहले तक ट्रंप धमका रहे थे। वहीं कनाडा अब उनके सुर में सुर मिलाता नजर आ रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ में उन्हें 'परिवर्तन लाने वाले राष्ट्रपति' बताया। इतना ही नहीं कार्नी तो अब ट्रंप के झूठे दावों को भी सही ठहराते रहे हैं। वो भारत और पाकिस्तान में सीजफायर कराने का क्रेडिट ट्रंप को देते नजर आए।
डोनाल्ड ट्रंप खुद को कई बार भारत-पाक युद्ध रुकवाने का दावा कर चुके हैं। जबकि भारत ने भी लगातार उनके दावों को सिरे से खारिज किया है। अब ट्रंप को इन झूठे दावों में कनाडा का भी साथ मिल गया है।
कार्नी ने की ट्रंप की खूब तारीफ की
दरअसल, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी अमेरिका के दौरे पर हैं। ओवल ऑफिस में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान कार्नी ने ट्रंप की तारीफों के पुल बांधे। कनाडा के PM ने कहा, ''आप परिवर्तन लाने वाले राष्ट्रपति हैं। अर्थव्यवस्था में परिवर्तन, NATO सहयोगियों द्वारा रक्षा खर्च में बढ़ोतरी, भारत और पाकिस्तान से लेकर अजरबैजान और आर्मेनिया तक शांति की दिशा की कोशिशें और ईरान को आतंक की शक्ति के रूप में कमजोर करना... ये सबकुछ आपके नेतृत्व में संभव हुआ है।"
जब कनाडा और अमेरिका में बढ़ गई थी तनातनी
मार्क कार्नी ने मार्च में कनाडा के प्रधानमंत्री के तौर पर पद संभाला था। इससे पहले अमेरिका और कनाडा के बीच भी तनाव देखने को मिला था। ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका में "मिलाने" और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने जैसे बयान दिए थे। प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद कार्नी की यह दूसरी अमेरिका यात्रा थी। उनके बयानों को कनाडा-अमेरिका के रिश्तों में नरमी के तौर पर देखा जा रहा है।
Advertisement
बार-बार एक ही राग अलाप रहे ट्रंप
जहां तक बात भारत और पाकिस्तान सीजफायर की है, तो ट्रंप बार-बार इसका क्रेडिट खुद को देते आए हैं। सोमवार (7 अक्टूबर) को भी उन्होंने अपने इसी दावे को दोहराया। उन्होंने कहा था, "अगर मेरे पास टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं होती, तो कम से कम चार युद्ध छिड़े होते। अगर आप भारत और पाकिस्तान को देखें, तो वे इसके लिए तैयार थे। सात विमान मार गिराए गए... मैं ठीक-ठीक नहीं बताना चाहता कि मैंने क्या कहा, लेकिन मैंने जो कहा वह बहुत प्रभावी था। हमने न केवल सैकड़ों अरब डॉलर कमाए, बल्कि टैरिफ की वजह से हम एक शांतिदूत भी हैं।"
जहां पाकिस्तान तो भले ही ट्रंप के इन दावों का समर्थन करता हो। हालांकि भारत ने पाकिस्तान संग सीजफायर में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से साफ किया है कि भारत और पाकिस्तान के संघर्ष विराम में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। वह द्विपक्षीय फैसला था।
Advertisement
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 8 October 2025 at 08:32 IST