अपडेटेड 25 June 2025 at 09:08 IST

Axiom-4 Mission: इंतजार खत्म! शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष के लिए भरेंगे उड़ान, Axiom-4 लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह तैयार

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन बुधवार को कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। NASA की ओर से इसकी पुष्टी की गई है।

Group Captain Shubhanshu Shukla, ISS
शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष के लिए भरेंगे उड़ान | Image: File photo

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का इंतजार आखिरकार खत्म होने वाला है। बहुप्रतीक्षित एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन (Axiom-4 Mission) अब लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह तैयार है। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर Axiom-4 मिशन आज, 25 जून को कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरने वाला। NASA ने बताया है कि लॉन्चिंग के लिए मौसम भी 90% अनुकूल है।

कई बार लॉन्चिंग टलने  के बाद आखिरकार भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन आज उड़ान भरने के लिए तैयार है। मिशन बुधवार, 25 जून को सुबह 2:31 बजे EDT (भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे के आसपास) फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने वाला है। 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम करीब 4:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है।

शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष के लिए भरेंगे उड़ान

Axiom-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं। उनके साथ पैगी व्हिटसन मिशन कमांडर होंगे। मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड/ईएसए) और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू (हंगरी/ईएसए) भी ISS के लिए रावाना होंगे

आज भारत रचेगा इतिहास

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरते ही भारत इतिहास रच देगा। वह ISS पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। बता दें कि एक्सिओम-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक निजी अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। इसे स्पेसएक्स द्वारा अपने भरोसेमंद फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया जा रहा है। स्पेसएक्स के एक बयान के अनुसार, सभी सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं और मौसम की स्थिति लॉन्च के लिए 90% अनुकूल है।

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Axiom-4 मिशन पर इतने वैज्ञानिक करेंगे काम

यह मिशन न केवल भारत के लिए बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह तीनों देशों की 40 से अधिक वर्षों के बाद सरकार द्वारा प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है। इस मिशन के दौरान 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें दुनिया के 31 देशों के वैज्ञानिक और प्रतिष्ठित संस्थान हिस्सा ले रहे हैं।

इस मिशन की खास बात भारत और अमेरिका की साझा भागीदारी है। दोनों देशों के संयुक्त प्रयासों से कुल 12 वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें 7 भारत के और 5 अमेरिका के अनुसंधान परियोजनाएं शामिल हैं। ये प्रयोग अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित होंगे और मुख्यतः जैविक विज्ञान, मानव स्वास्थ्य, अंतरिक्ष जीवन प्रणाली और नवाचारों को केंद्र में रखकर किए जाएंगे।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 25 June 2025 at 09:08 IST