अपडेटेड 25 June 2025 at 08:07 IST
ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की घोषणा हो चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए दोनों देशों से इसका उल्लंघन नहीं करने को कहा है। अब राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी इस पहल के लिए नोबेल पुरस्कार देने की मांग उठ रही है। अमेरिकी सांसद बडी कार्टर ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है।
ईरान और इजरायल के बीते 12 दिनों से जारी जंग आखिरकार रूक गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को सीजफायर की घोषणा की। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाने के लिए एक अमेरिकी सांसद ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर कराने के लिए अहम भूमिका निभाने के लिए 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। US हाउस के प्रतिनिधि बडी कार्टर ने नोबेल पीस प्राइज कमेटी को चिट्ठी लिखकर मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष को सुलझाने में ट्रंप की भूमिका के बारे में बताया है।
बडी कार्टर ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व ने इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में मदद की और दुनिया के सबसे बड़े स्टेट प्रायोजित आतंकवाद वाले देश को परमाणु हथियार पाने से रोका है। यह एक ऐतिहासिक भूमिका है।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग उठी हो। इससे पहले US सांसद डेरेल इस्सा ने भी ट्रंप की 2024 की चुनावी जीत के वैश्विक प्रभाव का हवाला देते हुए उनका नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया था। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने ट्रंप से मुलाकात थी जिसके बाद ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग उठी थी।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल शांति पुरस्कार समिति को औपचारिक रूप से एक पत्र भेजा है, जिसमें हाल ही में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देने की सिफारिश की थी।
पब्लिश्ड 25 June 2025 at 07:06 IST