अपडेटेड 9 July 2025 at 18:09 IST
Sabih Khan: कौन हैं भारतीय मूल के सबीह खान? जो बन Apple के COO, टीम कुक ने तारीफ में पढ़े कसीदे; भारत के इस शहर से कनेक्शन
Apple के नए COO बनने जा रहे भारतीय मूल के सबीह खान कौन हैं? टीम कुक ने तारीफ में कसीदे पढ़े।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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टेक जगत में भारतीयों का जलवा कायम है। Apple ने मंगलवार को ऐलान किया है कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी सबीह खान इस महीने के अंत में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) का पदभार संभालेंगे। यह कदम लंबे समय से प्रतीक्षित उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है. दरअसल, कंपनी के वर्तमान COO जेफ विलियम्स इस साल के अंत में अपनी सेवानिवृत्ति की तैयारी कर रहे हैं।
सबीह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुआ था। एक छोटे शहर में जन्मे खान का भारत के एक छोटे से शहर से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी के शीर्ष पदों तक का सफर किसी सपने से कम नहीं है।
तीन दशकों से Apple में कर रहे काम
सबीह खान 1995 से Apple के साथ जुड़े हुए हैं, शुरुआत में इसके खरीद समूह में शामिल हुए थे। बीते इन वर्षों में, वह लगातार आगे बढ़ते रहे और इस समय सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशन के पद पर काम कर रहे हैं। सबीह सीधे जेफ विलियम्स को रिपोर्ट करते हैं।
एप्पल के आधिकारिक बयान के अनुसार, सबीह खान एप्पल सीरीज के सेंट्रल आर्किटेक्ट में से एक रहे हैं और पिछले 30 सालों में हर प्रमुख एप्पल प्रोडक्ट की डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एप्पल के सीईओ टिम कुक ने खान की सराहना करते हुए कहा कि वे कंपनी की बेहत ऑपरेशन के पीछे एक प्रमुख शक्ति हैं। उन्होंने कहा, "सबीह एक शानदार रणनीतिकार हैं जो एप्पल की सीरीज के केंद्रीय आर्किटेक्टों में से एक रहे हैं।"
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एप्पल में क्या काम करते हैं खान?
सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ऑपरेशन के रूप में, सबीह खान ये सभी जिम्मेदारियां उठाते हैं-
- प्रोडक्ट की क्वालिटी
- योजना और खरीद
- विनिर्माण और रसद
- उत्पाद पूर्ति
- आपूर्तिकर्ता उत्तरदायित्व कार्यक्रम
- पर्यावरणीय स्थिरता पहल
खान की टीम ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए हरित विनिर्माण प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के लिए आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर काम किया, जिससे एप्पल को अपने पर्यावरणीय टारगेट को आगे बढ़ाने और अपने कार्बन फूटप्रिंट को कम करने में मदद मिली है।
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खान अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही स्कूल की पढ़ाई के दौरान भारत से सिंगापुर की ओर शिफ्ट हो गए। फिर वह उच्च शिक्षा और इंजीनियरिंग एवं ऑपरेशन में करियर के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। उन्होंने टफ्ट्स विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स और यांत्रिक इंजीनियरिंग में डबल बैचलर डिग्री और रेनसेलर पॉलिटेक्निक संस्थान (आरपीआई) से यांत्रिक इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 9 July 2025 at 18:09 IST