अपडेटेड 25 June 2025 at 23:55 IST
ईरान पर ताबड़तोड़ बम बरसाकर उसके परमाणु ठिकानों को तबाह करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब दोस्ती का हाथ बढ़ाते नजर आ रहे हैं। नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि वे अगले सप्ताह ईरान के साथ बातचीत कर सकते हैं और परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "हम अगले सप्ताह ईरान के साथ बातचीत कर सकते हैं, हम उनके साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, मुझे अभी नहीं पता लेकिन हमने उनकी परमाणु सुविधाओं को नष्ट कर दिया है।"
नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान इजरायल-ईरान युद्ध विराम पर बोलते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों का युद्ध समाप्त हो गया है और ईरान से अब कोई परमाणु खतरा नहीं होगा।"
उन्होंने आगे कहा कि पिछले हफ्ते के अंत तक अमेरिका ने ईरान की परमाणु संवर्धन सुविधाओं पर टारगेट कर सफलतापूर्वक हमला किया... अमेरिकी शक्ति के इस अविश्वसनीय प्रयोग ने ऐतिहासिक युद्ध विराम समझौते के साथ शांति का मार्ग प्रशस्त किया है।
अमेरिकी बी-2 की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने से करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "किसी ने एक निश्चित तरीके से कहा, यह वास्तव में बहुत विनाशकारी था, अगर आप हिरोशिमा या नागासाकी को देखें, तो इससे युद्ध भी समाप्त हो गया। इसने युद्ध को एक अलग तरीके से समाप्त किया।"
ईरान के परमाणु स्थलों पर बी-2 बमवर्षकों के हमले की सफलता पर जोर देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि परमाणु सामग्री को ले जाया गया। जब उनसे पूछा गया, "क्या कोई संकेत है कि ईरान किसी भी सामग्री को ले जाने में सक्षम था?" डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "नहीं, इसके ठीक विपरीत। हमें लगता है कि हमने उन पर इतनी जोर से और इतनी तेजी से हमला किया, कि वे हिल नहीं पाए... उन्हें ले जाना बहुत कठिन और बहुत खतरनाक है।"
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हमें लगता है कि हमने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर बहुत जोर से हमला किया। वे कुछ भी नहीं ले जा सके। यूरेनियम जमीन के बहुत नीचे रखा गया था।"
पब्लिश्ड 25 June 2025 at 23:55 IST