अपडेटेड 25 June 2025 at 20:57 IST
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों से जारी हमले अब रूक चुके हैं। इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर मिसाइलें दागी। वहीं इजरायल के बाद अमेरिका ने भी ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी पर तबाही मचाना शुरू कर दिया। ईरान ने भी पलटवार करते हुए की देशों में अमेरिका के एयरबेस पर हमले किए। वहीं इजरायल के भी कई प्रमुख शहरों पर जमकर मिसाइलें दागी। एक तरफ अमेरिका और इजरायल कहते रहे कि ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया गया है, लेकिन वहीं सीजफायर के बाद भी ईरान इसे मानने से इनकार करता रहा। हालांकि, लगातार ना ना करने के बाद ईरान के कबूलनामा आ गया है।
ईरान ने इस बात को कबूल किया है कि अमेरिका के हमले में उसके न्यूक्लियर सेंटर को भारी नुकसान पहुंचा है। इनकार करने के बाद ईरान ने आखिरकार स्वीकार किया कि अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु ठिकानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा। बता दें, ईरान का ये कबूलनामा इजरायल, अमेरिका और ईरान के बीच 12 दिनों तक जारी रहे अटैक के बाद बढ़ती अंतरराष्ट्रीय जांच के बीच आया। अमेरिका ने 22 जून को ईरान के खिलाफ ऑपरेशन में इजरायल का साथ दिया। इजरायल ने इस दिन फोर्डो, नतांज और इस्फहान में परमाणु ठिकानों सहित कई खास टारगेट पर हमला किया। बता दें, अमेरिका ने जिन तीन ठिकानों पर हमला किया, ये ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम के केंद्र में हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने पुष्टि की कि "हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है, यह निश्चित है।" यह तेहरान की ओर से हमले के प्रभाव की पहली आधिकारिक स्वीकृति का संकेत है।
लेबनान की न्यूज एजेंसी के साथ एक अलग इंटरव्यू में, ईरान के उप विदेश मंत्री सईद खतीबजादेह ने कहा कि तेहरान नुकसान के लिए वाशिंगटन से पूर्ण मुआवजा मांग रहा है। खतीबजादेह ने कहा, "वाशिंगटन को ईरान की सुविधाओं को हुए नुकसान के लिए मुआवजा देना चाहिए वरना तेहरान इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराएगा।"
पब्लिश्ड 25 June 2025 at 20:57 IST