अपडेटेड 25 June 2025 at 17:24 IST

न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर क्या करना चाहता है ईरान? सीजफायर होते ही संसद में पास कराया अहम बिल; IAEA को निरीक्षण के लिए इजाजत की जरूरत

इजरायल के साथ सीजफायर होते ही ईरान ने अपने संसद में अहम बिल पास कराया दिया है। अब न्यूक्लियर प्रोग्राम के निरीक्षण के लिए IAEA को इजाजत लेनी होगी।

iran nuclear programme
ईरान ने अपने संसद में न्यूक्लीयर प्रोग्राम को लेकर पास कराया अहम बिल। | Image: AP/X

ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर हो चुका है। दोनों देशों के बीच हमले रूक गए हैं। इस बीच ईरान ने न्यूक्लियर प्रोग्राम जारी रखने का ऐलान किया। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दे दी है कि अगर न्यूक्लियर प्रोग्राम फिर से शुरू करता है, तो फिर से एयरस्ट्राइक किया जाएगा। इस बीच ईरान एक ऐसा विधेयक लेकर आ गया है, जो न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरा करने में कारगर साबित हो सकता है।  

दरअसल, ईरान ने बुधवार को अपने संसद में यूएन के साथ परमाणु प्रोग्राम में निगारानी के सहयोग को रोकने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब यह है कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर अब किसी की निगरानी नहीं होगी। इस विधेयक की मंजूरी के बाद ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के निरीक्षण के लिए अब अंतरार्ष्ट्रीय न्यूक्लियर एनर्जी एजेंसी (IAEA) को सेक्योरिटी काउंसिल की मंजूरी लेनी होगी।

परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद लिया गया फैसला

ईरान की इस्लामिक सलाहकार सभा, जिसे मजलिस के नाम से जाना जाता है, के निर्णय को अब राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से मंजूरी लोनी पड़ेगी। मजलिस की ओर से वोटिंग, खासतौर से विदेशी मामलों से संबंधित होने पर, को अक्सर प्रतीकात्मक माना जाता है। ऐसा तब होता है जब तक कि सर्वोच्च नेता अली खामेनेई द्वारा चुने गए अधिक शक्तिशाली निकाय इसका समर्थन न करें। रविवार को, ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों को देखते हुए, संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति समिति ने विधायिका को प्रस्ताव दिया कि ईरान के दक्षिणी तट पर स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया जाना चाहिए। आखिर में यह फैसला सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पास होगा।

ईरान के पास थे 400Kg से ज्यादा यूरेनियम

IAEA ने ईरान के साथ अपने संबंधों को फिर से शुरू करने पर जोर दिया है, जो 13 जून से देश में परमाणु सुविधाओं पर इजरायल के अभूतपूर्व हमलों के कारण रुका हुआ था। मंगलवार को निगरानी संस्था ने 12 दिनों से जारी हमले के बंद होने पर एक बयान जारी किया और कहा, "IAEA निरीक्षक पूरे संघर्ष के दौरान ईरान में रहे और जितनी जल्दी हो सके काम शुरू करने के लिए तैयार हैं, देश के परमाणु स्थलों पर वापस जाकर परमाणु सामग्री की सूची की जांच कर रहे हैं - जिसमें 60% तक समृद्ध 400 किलोग्राम से अधिक यूरेनियम शामिल है - जिसे उन्होंने आखिरी बार 13 जून को इजरायली हवाई हमले शुरू होने से कुछ दिन पहले वेरिफाई किया था।" हालांकि, इजरायल और अमेरिका के हमले के बाद अबतक यह पता नहीं चल पाया है कि ये यूरेनियम अभी भी सुरक्षित है या नहीं।

Advertisement

इसे भी पढ़ें: Israel Iran War: हमें जबरदस्त सफलता मिली लेकिन ईरान ने न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर गुस्ताखी की तो फिर हमला करेंगे- ट्रंप की दो टूक

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 25 June 2025 at 17:24 IST