अपडेटेड 29 October 2025 at 22:00 IST
मसूद अजहर ने हिंदू महिलाओं के खिलाफ उगला जहर, मुकाबला के लिए बनाई महिला जिहाद ब्रिगेड' कहा- कब्र से सीधा जन्नत... AUDIO VIRAL
दौरा-ए-तरबियत, जो जैश के कट्टर बनाने की प्रक्रिया का पहला चरण है, भर्ती किए गए आतंकियों को कट्टर बनाने और उन्हें यह समझाने पर केंद्रित है कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में हिस्सा उनके लिए जन्नत का रास्ता है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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जैश-ए-मोहम्मद के कुख्यात आतंकी मसूद अजहर ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के दुश्मनों ने "हिंदू महिलाओं को सेना में" भर्ती किया है, और आतंकी संगठन का नया महिला ब्रिगेड, जमात-उल-मोमिनात , इस कदम का मुकाबला करने का काम करेगा। एक वायरल 21 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग में, अजहर का कहना है कि "जैश के दुश्मनों" ने "हमारे खिलाफ महिला पत्रकारों" को भी खड़ा कर दिया है, और वह "उनसे मुकाबला करने और लड़ने के लिए महिलाओं को लामबंद कर रहा है"।
यह भाषण, कथित तौर पर बहावलपुर में मरकज उस्मान-ओ-अली में दिया गया, जिसमें जैश की नई विंग के तहत महिलाओं की ट्रेनिंग, कट्टर बनाने और आतंकी मंसूबों की साजिशों को तफसील से बताया गया है। मालूम हो कि जैश ने भारत में उरी और पुलवामा सहित कई आतंकी हमले किए हैं। अजहर का कहना है कि महिला विंग को जैश के पुरुषों की तरह ही ट्रेनिंग दी जाएगी। वह कहता है कि जिस तरह पुरुष 15-दिन के "दौरा-ए-तरबियत " कोर्स से गुजरते हैं, उसी तरह जमात-उल-मोमिनात में शामिल होने वाली महिलाएं "दौरा-ए-तस्किया " कोर्स का हिस्सा बनेंगी। यह ट्रेनिंग मरकज उस्मान-ओ-अली में दी जाएगी।
महिला आतंकियों को मसूद अजहर दे रहा ट्रेनिंग
दौरा-ए-तरबियत, जो जैश के कट्टर बनाने की प्रक्रिया का पहला चरण है, भर्ती किए गए आतंकियों को कट्टर बनाने और उन्हें यह समझाने पर केंद्रित है कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में हिस्सा उनके लिए जन्नत का रास्ता है। इसी तर्ज पर, अजहर का कहना है कि जो भी महिला जमात-उल-मोमिनात में शामिल होगी, वह "मौत के बाद सीधे जन्नत जाएगी"। वह आगे कहते हैं कि पहला कोर्स पूरा करने वाली महिलाएं दूसरे चरण, "दौरा-आयात-उल-निसाह" में आगे बढ़ेंगी, जहां उन्हें सिखाया जाएगा कि इस्लामी ग्रंथ किस प्रकार "महिलाओं को जिहाद करने का निर्देश देते हैं"।
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अजहर ने घोषणा की है कि जमात-उल-मोमिनात पाकिस्तान के हर जिले में होगी, और इसकी कमांडर एक मुंतजिमा होगी जो महिलाओं की भर्ती के लिए जिम्मेदार होगी। मसूद अजहर इस संगठन में शामिल होने वाली महिलाओं के लिए कड़े नियम की बात करता है। अजहर कहता है कि महिला आतंकियों को अपने "पतियों या परिवार को छोड़कर, किसी भी 'असंबंधित पुरुषों' से फोन या मैसेंजर के माध्यम से बात नहीं करनी चाहिए"।
इससे पहले, रिपोर्टों में कहा गया था कि अजहर ने अपनी बहन, सादिया अजहर को महिला ब्रिगेड का कमांडर बनाया था । इसकी कमान का हिस्सा अजहर की दूसरी बहन, समीरा अजहर , और आतंकवादी तथा पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की पत्नी अफीरा फारूक भी हैं। अजहर अपने भाषण में कहता है कि जमात-उल-मोमिनात में 4-5 ऐसी महिलाएं शामिल हैं जिनके रिश्तेदार भारतीय सेना द्वारा मारे गए थे।
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वह महिला आतंकियों से अपनी किताब "ए मुसलमान बहना " पढ़ने को भी कहता है। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत के जवाबी हमले, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजहर के परिवार के चौदह सदस्य मारे गए थे। अजहर ऑडियो में कहता है कि उसकी बड़ी बहन, हवा बीबी , भी उसी हमले में मारी गई थी। वह बताता है कि उसने अपनी बहन के मारे जाने से पहले उसके साथ महिला ब्रिगेड की साजिश रची थी।
भारत और पाकिस्तान पर असर
जैश की महिला ब्रिगेड का लॉन्च यह दिखाता है कि वैश्विक मंचों पर आतंकवाद से लड़ने के पाकिस्तान के बड़े दावों के बावजूद, आतंकी संगठन वहां फल-फूल रहे हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में भी आया है जब महिला अधिकारी भारत के रक्षा बलों में महत्वपूर्ण युद्ध भूमिकाएं संभाल रही हैं। इसी से जुड़े एक घटनाक्रम में, स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह ने हरियाणा के अंबाला एयर फ़ोर्स बेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए राफेल मल्टी-रोल फाइटर का व्यक्तिगत दौरा कराने के बाद उनके साथ तस्वीर खिंचाई। पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्टों ने दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्क्वाड्रन लीडर सिंह का फाइटर जेट गिरा दिया गया था और उन्हें पकड़ लिया गया था, जिसके बाद यह तस्वीर एक बड़ा फैक्ट-चेक थी।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 29 October 2025 at 22:00 IST