अपडेटेड 31 October 2025 at 22:07 IST

Tanzania Violence: चुनाव के बाद सुलगा तंजानिया, भीषण हिंसा में अबतक 700 से ज्यादा लोगों की मौत, जानिए क्या है पूरा मामला

Tanzania news: चादेमा पार्टी के प्रवक्ता जॉन किटोका ने शुक्रवार को उत्तरी तंजानिया की वाणिज्यिक राजधानी का जिक्र करते हुए कहा, " इस समय [दार-एस-सलाम] में मरने वालों की संख्या लगभग 350 है और म्वांजा में 200 से ज्यादा।" एक विदेशी मीडिया के के हवाले से उन्होंने कहा, "अगर हम देश के अन्य स्थानों के आंकड़े भी जोड़ दें, तो कुल मिलाकर लगभग 700 मौतें होती हैं।"

Tanzania Post-election violence
तंजानिया में चुनाव के बाद हिंसा | Image: ANI

Tanzania Violence: तंजानिया में इस हफ्ते हुए चुनाव के बाद कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भी हुई थी। बताया गया कि इस हिंसा और झड़प में 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, तंजानिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने दावा किया है कि इस सप्ताह के विवादित चुनावों के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग मारे गए, जबकि संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उसके पास "विश्वसनीय रिपोर्ट" है कि कम से कम 10 लोग मारे गए।

कुल मिलाकर लगभग 700 मौतें होती हैं - जॉन किटोका

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में एक विदेशी मीडिया के हवाले से बताया गया है कि चादेमा पार्टी के प्रवक्ता जॉन किटोका ने शुक्रवार को उत्तरी तंजानिया की वाणिज्यिक राजधानी का जिक्र करते हुए कहा, " इस समय [दार-एस-सलाम] में मरने वालों की संख्या लगभग 350 है और म्वांजा में 200 से ज्यादा।" एक विदेशी मीडिया के के हवाले से उन्होंने कहा, "अगर हम देश के अन्य स्थानों के आंकड़े भी जोड़ दें, तो कुल मिलाकर लगभग 700 मौतें होती हैं।"

चाडेमा ने कहा कि उनके सदस्यों ने यह आंकड़ा हासिल करने के लिए देश भर के अस्पतालों का दौरा किया है। तंजानिया सरकार ने हताहतों की संख्या का कोई अनुमान जारी नहीं किया है, केवल इतना कहा है कि उसके बल "छिटपुट घटनाओं" के बाद व्यवस्था बहाल कर रहे हैं।

Advertisement

तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें - संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार

विपक्ष द्वारा अनुमानित संख्या संयुक्त राष्ट्र के अनुमान से बिल्कुल अलग थी। शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रवक्ता सेफ मगांगो ने जिनेवा के पत्रकारों को बताया कि विश्वसनीय सूत्रों ने संकेत दिया है कि अब तक सुरक्षा बलों के हाथों कम से कम 10 मौतें हुई हैं, जैसा कि एक विदेशी मीडिया ने बताया है।

मगांगो ने उसी ब्रीफिंग में कहा, “हम सुरक्षा बलों से आह्वान करते हैं कि वे प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध अनावश्यक या अनुपातहीन बल, जिसमें घातक हथियार भी शामिल हैं, का प्रयोग न करें, तथा तनाव कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें।”

Advertisement

क्या है पूरा मामला?

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को दार-ए-सलाम शहर में, जिसकी आबादी सात मिलियन से अधिक है, विवादित और अराजक चुनावों के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए, जिनमें दो मुख्य विपक्षी दलों को भाग लेने से रोक दिया गया था। सीमित चुनाव विकल्पों और विपक्षी नेताओं के उत्पीड़न से नाराज प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों, एक पेट्रोल स्टेशन और पुलिस स्टेशनों को आग लगा दी।

ताजा घटनाक्रम तब सामने आया जब सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी पुलिस के साथ टकराव जारी रखा और राष्ट्रीय चुनाव निकाय से चुनावी नतीजों की घोषणा रोकने की मांग की। सरकार ने सड़कों पर सेना तैनात कर दी और इंटरनेट बंद कर दिया।

एक दिन पहले, दार-एस-सलाम के मबागला, गोंगो ला म्बोटो और किलुव्या इलाकों में कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए और गोलियों की आवाजें सुनी गईं।
एक विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को हुए चुनावों में राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन के दो सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों को दौड़ से बाहर कर दिया गया, जिससे नागरिक और अधिकार समूह नाराज हैं और उन्होंने विपक्षी सदस्यों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी निंदा की है। 

ये भी पढ़ें - तालिबानी मंत्री की पाकिस्तान को धमकी, ‘हमारे सब्र का इम्तिहान मत लो वरना खतरनाक होगा अंजाम’

Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 31 October 2025 at 22:07 IST