अपडेटेड 30 January 2025 at 17:49 IST
ईद के दिन मस्जिद के सामने कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या, हमले के वक्त TikTok पर था लाइव
स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका (Salwan Momika) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस वक्त उनकी हत्या हुई वो टिकटॉक पर ऑनलाइन थे।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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स्वीडन में मस्जिद के सामने कुरान जलाने वाले सलवान मोमिका (Salwan Momika) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस वक्त उनकी हत्या हुई वो टिकटॉक पर ऑनलाइन थे। 38 वर्षीय मोमिका को बुधवार रात स्टॉकहोम के पास सॉडेटेलिए इलाके में गोली मारी गई थी। मोमिका इस्लाम के विरोधी थी और साल 2023 में ईद के दिन मस्जिद के सामने कुरान जलाकर इसका विराध किया था। उनके द्वारा कुरान जलाने के वीडियो सोशल मीडिया के जरिए दुनियाभर में देखे गए।
उनकी इस हरकत पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं भी आती रहीं। कई मुस्लिम देशों में उनकी आलोचना हुई और उनके लिए लोगों में गुस्सा देखा गया। कई जगह पर दंगे और अशांति भी फैली। इस मामले में स्वीडन में उनके खिलाफ जांच भी चल रही थी। इराकी मूल के ईसाई सलवान मोमिका को कुरान जलाने के मामले में गुरुवार को अदालत के सामने पेश होना था। लेकिन उनकी मौत की खबर के बाद स्टॉकहोम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।
पुलिस ने मांगी थी कुरान जलाने के इजाजत
जानकारी के मुताबिक सलवान मोमिका ने कहा था कि वह इस्लाम के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहता था और उसने कुरान जलाने की इजाजत देने की मांग की थी। इसके बाद स्वीडन पुलिस ने एक दिन के लिए उन्हें इस्लाम के खिलाफ प्रदर्शन करने की मंजूरी दी थी। मोमिका का कहना था कि वह स्वीडन के नाटो में शामिल होने के विरोधी नहीं है बल्कि इस्लाम का विरोध करने के लिए कुरान जलाना चाहते थे।
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कुरान जलाने से पहले उसने कहा था, स्वीडन जागो. ये लोकतंत्र है। मोमिका के कुरान जलाने के बाद कई मुस्लिम देशों ने इसकी कड़ी निंदा की थी। हालांकि, बाद उसने स्वीडन छोड़कर नॉर्वे में शरण देने की प्लानिंग की थी। दरअसल, स्वीडन की सरकार ने उसकी रेसिडेंसी परमिट को रद्द कर दिया था। मोमिका स्वीडन एक इराकी शरणार्थी थे। स्वीडन छोड़ने की बात पर मोमिका ने कहा था कि स्वीडन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा एक बड़ा झूठ है।
सलवान मोमिका कौन थे?
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मोमिका ने खुद को इराक में एक ईसाई मिलिशिया के प्रमुख के रूप में पेश किया था।। उनका संगठन, इमाम अली ब्रिगेड्स के अंतर्गत आता है। ये संगठन 2014 में बनाया गया था और इस पर वॉर क्राइम के आरोप लगते रहे हैं। सलवान मोमिका ने 2017 में इराकी शहर मोसुल के बाहरी इलाके में अपना सशस्त्र समूह भी बनाया था।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 30 January 2025 at 17:49 IST