अपडेटेड 20 May 2025 at 17:39 IST
दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला ने बताया अपनी दीर्घायु का नुस्खा, 115 साल से अधिक है उम्र
एथेल कैटरहम का जन्म प्रथम विश्व युद्ध शुरू से 5 साल पहले 21 अगस्त, 1909 को इंग्लैंड में हुआ था। वह आठ भाई-बहनों में दूसरी सबसे छोटी थीं, जो अब दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला हैं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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World’s Oldest Living Person : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2020 में पुरुषों की वैश्विक औसत उम्र करीब 70.8 साल थी। 2020 में महिलाओं की वैश्विक औसत आयु करीब 75.6 साल थी। यह आंकड़ा अलग-अलग देशों, जीवनशैली, स्वास्थ्य सेवाओं और आर्थिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। विकसित देशों में पुरुषों की औसत आयु आमतौर पर 75-80 साल होती है। विकासशील देशों में ये घटकर 65-70 साल या उससे भी कम हो सकती है। भारत में पुरुषों की औसत उम्र करीब 69-70 साल है।
हमारे बीच कुछ लोग ऐसे होते हैं जो 100, 110 और 115 साल का आंकड़ा भी पार कर जाते हैं। लंदन में रहने वाली एथेल कैटरहम भी ऐसी ही हैं। 115 साल से अधिक की उम्र वाली ये ब्रिटिश महिला अब दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला हैं। उन्होंने दुनिया के साथ अपनी लंबी उम्र का नुस्खा साझा किया है। एथेल कैटरहम के लिए लंबी उम्र की तरकीब ये है कि किसी से बहस मत करो और उनके मामले में यह वास्तव में काम करती है।
दुनिया की सबसे बुजुर्ग व्यक्ति
जेरोन्टोलॉजी रिसर्च ग्रुप (GRG) के अनुसार, 115 साल की एथेल कैटरहम दुनिया की सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति बन गईं। इससे पहले ब्राजील की नन और शिक्षिका सिस्टर इनाह कैनाबारो के नाम ये खिताब था। जिनका 30 अप्रैल को निधन हो गया था। लंदन के दक्षिण-पश्चिम में सरे स्थित नर्सिंग होम से अपनी दीर्घायु का रहस्य बताते हुए कैटरहम ने कहा-
"मैं कभी किसी से बहस नहीं करती, सुनती हूं और जो मुझे अच्छा लगता है, वही करती हूं।"
भारत में बिताए 3 साल
एथेल कैटरहम का जन्म प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने से 5 साल पहले 21 अगस्त, 1909 को इंग्लैंड के दक्षिण में स्थित शिप्टन बेलिंजर गांव में हुआ था। वह आठ भाई-बहनों में 7वें नंबर की थीं। GRG के अनुसार, 1927 में 18 साल की उम्र में कैटरहम भारत की यात्रा पर निकलीं, जहां उन्होंने एक ब्रिटिश परिवार के लिए काम किया। भारत में एथेल 3 साल तक रहीं और फिर इंग्लैंड लौट आईं।
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वह अपने पति नॉर्मन से 1931 में एक डिनर पार्टी में मिली थीं, जो ब्रिटिश सेना में मेजर थे और वे हांगकांग और जिब्राल्टर में तैनात थे। उनकी दो बेटियां थीं जिनका पालन-पोषण उन्होंने UK में किया। नॉर्मन की मौत 1976 में हुई, लेकिन एथेल 115 पार हो चुकी हैं।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 20 May 2025 at 17:39 IST