अपडेटेड 9 December 2025 at 13:45 IST

जीते जी ताबूत में रहने को मजबूर, ऊपर से देना पड़ता है किराया… क्या है Coffin Home ट्रेंड? जो बन रहा लाखों लोगों का 'बसेरा'

Coffin Home Trend: इन जैसे घरों को कॉफिन होम या कैप्सूल अपार्टमेंट भी कहा जाता है। घर के नाम पर केवल एक कमरा है और वो भी 2 फीट चौड़ा और 6 फीट लंबा।

Coffin Home Trend
Coffin Home Trend | Image: X

Coffin Home Trend: सोचिए आप अपने घर में सोकर उठें और हाथ फैलाएं और आपके दोनों हाथ दोनों दीवारों से टच हो जाएं तो आपको कैसा लगेगा। एक ऐसा घर जहां ठीक से पैर पसारने या सीधा खड़े होने तक की भी जगह नहीं है। घर के अंदर वॉशरूम और खिड़की तो भूल ही जाओ। सोचकर ही घुटन महसूस हो रही है ना? हांगकांग जैसे महंगे शहर में लाखों लोगों का घर है ये। 

इन जैसे घरों को कॉफिन होम या कैप्सूल अपार्टमेंट भी कहा जाता है। सोशल मीडिया पर एक युवक ने अपने इस कॉफिन होम की झलक भी लोगों को दिखाई है जिसे देख आप हैरान रह जाएंगे। घर के नाम पर उसके पास केवल एक कमरा है और वो भी 2 फीट चौड़ा और 6 फीट लंबा है।

कॉफिन होम में रहने को मजबूर लोग

इन कमरों में केवल एक गद्दा बिछा होता है या एक मेटल बेड होता है। दीवार पर एक छोटा सा पंखा है, एक LED बल्ब और चार्ज करने के लिए एक सॉकेट। सामने आई जानकारी की माने तो, हांगकांग में ऐसे घरों का किराया 150 से 300 अमेरिकी डॉलर प्रति महीना है। इसमें ना लोगों को सुबह-सुबह सूरज की रोशनी मिल पाती है और ना ही बाहर से ठंडी-ठंडी हवा आ पाती है। उन्हें वेंटिलेशन के लिए अपने घरों का दरवाजा ज्यादातर समय खोलकर ही रखना पड़ता है।

घरों में ना किचन, ना वॉशरूम

इन कॉफिन होम या कैप्सूल अपार्टमेंट में किचन भी नहीं होता। ना आप मेहमानों को बुला सकते हो, ना अपने दोस्तों के साथ चिल करते हुए टीवी देख सकते हो। वॉशरूम भी कॉमन होता है जो आमतौर पर गंदा होता है। इन घरों में पेंशन पाने वाले बुजुर्ग और मजदूरों के अलावा नौकरी पेशा वाले नौजवान भी रहते हैं क्योंकि लगातार बढ़ती महंगाई में वो केवल यही अफोर्ड कर सकते हैं।

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हांगकांग की सरकार के आंकड़ों की माने तो, कम से कम दो लाख लोग इस तरह से इन कॉफिन होम में रह रहे हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि लोगों का ऐसे घरों में रहना उनका अपमान है। सभी को इज्जत के साथ रहने का हक है। तो हांगकांग सरकार ने दवाब में आकर 2049 तक कॉफिन होम को खत्म करने का संकल्प लिया है।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 9 December 2025 at 13:45 IST