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अपडेटेड 21 June 2025 at 16:44 IST

अमेरिका और इजरायल से क्यों नहीं दब रहा ईरान? खोर्रमशहर समेत ये 3 महाविनाशी हथियार हैं ताकत, जंग में हुए इस्तेमाल तो मचेगी तबाही

इजरायल और ईरान के बीच जंग जमीन नहीं आसामन में लड़ी जा रही है। इस युद्ध के हथियार बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हैं। लेकिन ईरान के पास वो कौनसी ताकत है कि अमेरिका से भी नहीं डर रहा?

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 ‘Made Grave Mistake…’: Khamenei’s Warning To Israel In Latest Televised Address
अमेरिका और इजरायल से क्यों नहीं दब रहा ईरान? खोर्रमशहर समेत ये 3 महाविनाशी हथियार हैं ताकत | Image: X

Iran-Israel युद्ध के 9वें दिन जंग भीषण हो गई है। ईरान ने मिसाइल अटैक से इजरायल के तेल अवीव से लेकर यरूशलम को निशाना बनाया है। दूसरी तरफ IDF के पलटवार में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) कमांडर सईद इजादी की मौत हो गई है। मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच रूस-अमेरिका भी आमने-सामने आ गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इजरायल को बमबारी से रोकना मुश्किल है। दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन ने कहा कि ईरान को शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा का अधिकार है।

इधर चीन ने भी संयुक्त राष्ट्र में ईरान-इजरायल युद्ध का मुद्दा उठाया है। चीन ने ईरान पर हमले के लिए इजरायल की निंदा की है। चीन ने ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले को खतरनाक बताया है। इजरायल लगातार ईरान पर बड़े हमले कर रहा है और अमेरिका भी लगातार धमकी दे रहा है, लेकिन ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (सैय्यद अली होसैनी खामेनेई) अमेरिका की धमकी के बाद भी पीछे हटने का तैयार नहीं है। इसके पीछे ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल फतह, खोर्रमशहर बैलिस्टिक मिसाइल और आत्मघाती ड्रोन हैं। जिनका अभी तक उसने इस्तेमाल नहीं किया है।

अमेरिका को खामेनेई का संदेश

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि इजरायल को कड़ा जवाब दे रहे हैं। अमेरिका से बातचीत पर उन्होंने दावा किया कि अप्रत्यक्ष तौर पर बातचीत जारी है। खामेनेई ने कहा कि अगर जंग में अमेरिका डायरेक्ट शामिल होता है, तो इससे तनाव और बढ़ेगा।

क्यों नहीं दब रहा ईरान?

ईरान के पास मध्य पूर्व में सबसे प्रभावशाली सैन्य ताकत और बड़ा हथियार भंडार है, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइलें, ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीक शामिल हैं। ईरान की सैन्य क्षमता में बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों की बड़ी संख्या उसकी ताकत है, लेकिन उनकी सटीकता इजरायल की तुलना में कम हो सकती है। यही वो हथियार हैं जिनके दम पर खामेनेई झुकने को तैयार नहीं है।

हाइपरसोनिक मिसाइल फतह

ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसकी हाइपरसोनिक मिसाइल फतह-1 और फतह-2 हैं। ईरान ने अभी तक जंग में फतह-2 का इस्तेमाल नहीं किया है। फतह-1 मिसाइल की गति मैक 5 से अधिक है, यानी ये ध्वनि की गति से पांच गुना तेज उड़ती है, जिसकी रफ्तार 11,000 मील प्रति घंटा तक हो सकती है। ये रडार को चकमा देने में सक्षम है, इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाता है।

ईरान का दावा है कि यह मिसाइल इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टस आयरन डोम को भेद सकती है। यह मिसाइल मिनटों में लक्ष्य को तबाह करने की क्षमता रखती है, जिससे यह क्षेत्रीय युद्ध में गेम-चेंजर मानी जाती है। इसकी रेज 1400 किलोमीटर है। फतह-2, फतह-1 का एडवांस्ड वर्जन है। इसकी रेंज 1500 किलोमीटर है।

खोर्रमशहर बैलिस्टिक मिसाइल

ईरान ने इसका नाम खोर्रमशहर शहर के नाम पर रखा है। यह तरल-ईंधन प्रणोदक मिसाइल है, जो 1,500 किलोग्राम तक का वारहेड ले जा सकती है। इसमें मिडकोर्स मार्गदर्शन प्रणाली है, जो अपने टारगेट को हिट करते समय बीच रास्ते में अमना मार्ग बदल सकती है। ये इसे सटीक हमले करने में सक्षम बनाती है। इसकी रेंज 2,000 किमी है। इस मिसाइल का भारी वारहेड और लंबी रेंज इजरायल को निशाना बनाने के लिए खतरनाक बनाती है। इसे क्लस्टर बमों से भी लैस किया जा सकता है

शाहेद-136 ड्रोन

शाहेद-136 एक सस्ता, लंबी दूरी और आत्मघाती ड्रोन है। ये अपने साथ 50 किलोग्राम तक विस्फोटक लेकर टारगेट को 2,000 किलोमीटर तक तबाह कर सकता है। ये रडार से बचने में भी सक्षम है। ईरान ने इन ड्रोन को कम लागत में बड़े पैमाने पर हमले करने के लिए डिजाइन किया है।

अराश-1 और अराश-2 ड्रोन

इजरायल और ईरान के बीच जंग जमीन नहीं आसामन में लड़ी जा रही है। इजरायल ने जब बैलिस्टिक मिसाइलों से ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया, तो ईरान ने भी बैलिस्टिक मिसाइल से ही पलटवार किया। इजरायल ने ड्रोन का सहारा लिया, तो ईरान ने ड्रोन से जवाब दिया। अराश-1 और अराश-2, ये ईरान वो सबसे शक्तिशाली और एडवांस ड्रोन हैं, जो सीधे दुश्मन के सिर पर गिरते हैं, तबाही मचाते हैं और पलक झपते ही सब कुछ नेस्तेनाबूत कर देते हैं। ये युद्ध का गेमचेंजर बन चुके हैं।

अराश-1 की रेंज करीब 800 से 1000 किमी और स्पीड 185 किमी/घंटा है। ये 30-40 किलो विस्फोटक का वारहेड लेकर चलता है, जिसका इस्तेमाल सीमित दूरी और टैक्टिकल हमलों के लिए किया जाता है। वहीं अगर अराश-2 की बात करें तो इसकी रेंज 2000 किलोमीटर तक है, गति 300 किमी/घंटा, ये 150 किलो से ज्यादा विस्फोटक का वारहेड लेकर चलता है। अराश-2 ड्रोन GPS गाइडेंस के साथ टारगेट पर हमला करता है।

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पब्लिश्ड 21 June 2025 at 16:44 IST