अपडेटेड 11 September 2025 at 07:30 IST

Nepal: सुशीला कार्की का भारत से है खास कनेक्शन, अब संभाल सकती हैं नेपाल की बागडोर, Gen Z की पसंद को बालेन शाह का भी मिला समर्थन

Sushila Karki: सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने एक वर्चुअली मीटिंग में अंतरिम नेतृत्व के लिए उनके नाम पर मुहर लगी है। आइए जानते हैं सुशीला कार्की के बारे में, जो नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं...

sushila karki, nepal
sushila karki, nepal | Image: X

Nepal news: चंद दिनों के अंदर नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। Gen-Z के आंदोलन से पड़ोसी देश में तख्तापलट हो गया। केपी ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अब नेपाल की कमान संभाल सुशीला कार्की के हाथों में आ सकती हैं। वो अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं। Gen-Z प्रोटेस्ट के सबसे बड़े चेहरे और काठमांडू महानगर के मेयर बालेन शाह ने भी अपना पूरा समर्थन दिया है।

सुशीला कार्की सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस हैं। Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने एक वर्चुअली मीटिंग की, जिसमें 5 हजार से ज्यादा युवा शामिल हुए। मीटिंग में देश के हालात और आने वाली चुनौतियों पर हुई, जिसके बाद सुशीला कार्की को अंतरिम नेता चुना गया।

बालेन शाह ने दिया फुल सपोर्ट

बालेन शाह ने नेपाल के ताजा हालातों और सुशीला कार्की का नाम चुने जाने को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "प्रिय Gen-Z और सभी नेपालियों से मेरा अनुरोध है... देश इस समय अभूतपूर्व स्थिति से गुजर रहा है। आप अब एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। कृपया इस समय घबराएं नहीं; धैर्य रखें। अब देश को एक अंतरिम सरकार मिलने वाली है, जो देश में नए चुनाव कराएगी। इस अंतरिम सरकार का काम चुनाव कराना और देश को एक नया जनादेश देना है।"

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को इस अंतरिम/चुनावी सरकार का नेतृत्व सौंपने के आपके प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन करता हूं। मैं आपकी समझ, बुद्धिमत्ता और एकता का तहे दिल से सम्मान करता हूं। इससे पता चलता है कि आप कितने परिपक्व हैं। मैं अपने उन दोस्तों से, जो इस समय नेतृत्व संभालने की जल्दी में हैं, यही कहना चाहता हूं कि देश को आपके जुनून, आपकी सोच और आपकी ईमानदारी की स्थायी रूप से जरूरत है, अस्थायी रूप से नहीं। इसके लिए चुनाव होंगे। कृपया जल्दबाजी न करें।

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बालेन ने लिखा कि माननीय राष्ट्रपति जी Gen-Z द्वारा लाई गई ऐतिहासिक क्रांति की रक्षा के लिए एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाना चाहिए और संसद को अविलंब भंग किया जाना चाहिए।

सुशाली कार्की ने BHU से की है पढ़ाई

सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ था। उन्होंने नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। इससे पहले उन्होंने भारत के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री ली थी। 1979 में सुशीला कार्की ने वकालत शुरू की थी। इसके बाद 2007 में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया।

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2009 में सुशीला को नेपाल सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता न्यायाधीश बनीं और फिर 2010 में उन्हें परमानेंट कर दिया गया। इसके बाद 11 जुलाई 2016 से लेकर 6 जून 2017 तक उन्होंने नेपाल की मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला। बताया जाता है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कई मुद्दों पर कड़ी कार्रवाई की है। 2017 में राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाया और उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया। सुशीला कार्की के पास उस वक्त भी इतना जन समर्थन था कि ये प्रस्ताव वापस लेना पड़ा।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 11 September 2025 at 07:30 IST