अपडेटेड 15 January 2024 at 22:53 IST
'भारत के आसपास हमला हुआ तो..', ईरान के राष्ट्रपति से मिल जयशंकर ने कह दी सीधी बात; चर्चा में मुलाकात
S jaishankar meets Iran President: ईरान के राष्ट्रपति डॉ इब्राहिम रायसी से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की, जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी रहीं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Iran News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के राष्ट्रपति डॉ इब्राहिम रायसी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने गाजा, फिलिस्तीन, हिंद महासागर सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। आपको बता दें कि इस मुलाकात पर दुनियाभर की निगाहें टिकने का एक कारण मिडिल ईस्ट में जारी तनाव को भी बताया जा रहा है। इस दौरान जयशंकर ने विदेश मंत्री डॉ. हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से भी मुलाकात की, जिसमें उन्होंने भारत के आसपास हो रहे हमलों पर भी ध्यान आकर्षित किया और इसपर अपना स्टैंड भी साफ-साफ बता दिया।
स्टोरी की खास बातें
- ईरान के राष्ट्रपति और जयशंकर की मुलाकात
- गाजा, फिलिस्तीन सहित कई मुद्दों पर चर्चा
- जानिए दोनों नेताओं के बीच क्या-क्या बातें हुईं
गाजा, फिलिस्तीन सहित कई मुद्दों पर चर्चा
तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा- 'हमने कुछ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों, विकास पर दृष्टिकोण और आकलन का भी आदान-प्रदान किया। हम दोनों पश्चिम एशिया में हाल की घटनाओं के बारे में चिंतित हैं, जिसे कुछ लोग मध्य पूर्व कहते हैं। हमने हिंसा और शत्रुता को और बढ़ने से रोकने के महत्व पर जोर दिया। भारत का आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ दीर्घकालिक और समझौता न करने वाला रुख है। गाजा में अत्यंत चिंताजनक स्थिति स्वाभाविक रूप से हमारी चर्चा का विषय थी।'
इसके अलावा फिलिस्तीन को लेकर जयशंकर ने कहा- 'फिलिस्तीन के मुद्दे पर मैं टू-स्टेट समाधान के लिए भारत के लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को दोहराता हूं, जहां फिलिस्तीनी लोग सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रहने में सक्षम हों। मैंने सभी पक्षों को उकसाने वाली और तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने और बातचीत और कूटनीति की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है।'
भारत को लेकर क्या बात हुई?
विदेश मंत्री ने कहा कि समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा को लेकर खतरे बढ़ गए हैं और इसका सीधा असर भारत की ऊर्जा और आर्थिक हितों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा- 'जैसा कि आप सभी जानते हैं, हाल ही में हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए खतरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हमने भारत के आसपास के क्षेत्र में कुछ हमले भी देखे हैं। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जाहिर है कि इसका भारत के ऊर्जा और आर्थिक हितों पर भी सीधा असर पड़ता है। यह स्थिति किसी भी पक्ष के लाभ के लिए नहीं है और इसे स्पष्ट रूप से पहचाना जाना चाहिए।'
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जयशंकर ने कहा- 'मैंने मध्य एशिया, अफगानिस्तान और यूरेशिया के बाजारों तक पहुंच के लिए ईरान की अद्वितीय भौगोलिक स्थिति से लाभ उठाने में भारत की रुचि दोहराई। हमने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को सक्रिय करने की संभावनाओं पर चर्चा की। विशेष रूप से हमने चाबहार बंदरगाह के विकास और संचालन में भारत की भागीदारी पर चर्चा की, जो कनेक्टिविटी के संयुक्त दृष्टिकोण के साथ एक संयुक्त परियोजना है।'
(इनपुटः ANI)
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 15 January 2024 at 22:53 IST