अपडेटेड 4 December 2025 at 18:22 IST
Vladimir Putin India Visit: मिसाइल भी बाल बांका नहीं कर सकती... जिस विमान से आ रहे पुतिन वो कितना हाईटेक, ट्रंप के एयरफोर्स वन से कितना अलग?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विशेष विमान IL-96-3000 प्यू, जिसे 'हवा में उड़ता किला' कहा जाता है, कुछ ही घंटों में भारत की धरती पर उतरेगा।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विशेष विमान IL-96-3000 प्यू, जिसे 'हवा में उड़ता किला' कहा जाता है, कुछ ही घंटों में भारत की धरती पर उतरेगा। इस विमान की सुरक्षा प्रणाली अत्यंत उन्नत और अभेद्य है, जो मिसाइल हमलों को भी नाकाम कर सकती है। पुतिन हमेशा पूरी तरह तकनीकी सुरक्षा उपकरणों और विशेष सिक्योरिटी ड्रेस से लैस रहते हैं। उनका काफिला सड़क पर भी ओरस सेनात नाम की विश्व की सबसे सुरक्षित कार से चलता है, जो मॉस्को से दिल्ली तक साथ में आ रही है।
दिल्ली में पुतिन के लिए सुरक्षा की पांच स्तरीय व्यवस्था की गई है। इसमें उनके व्यक्तिगत बॉडीगार्ड, डमी पुतिन, भोजन के सैंपल की जांच करने वाले विशेषज्ञ, और बाहरी स्तर पर एनएसजी कमांडो की टुकड़ी शामिल है। इसके अलावा, एसपीजी, एनएसजी, रॉ, आईबी, और दिल्ली पुलिस संयुक्त रूप से सुरक्षा की कमान संभालेंगी। सुरक्षा के पीछे ड्रोन जैमर, एआई आधारित निगरानी, और एंटी-स्नाइपर यूनिट भी सक्रिय रहेंगी ताकि हर प्रकार की खतरे से बचाव संभव हो सके।
विशेष विमान IL-96-3000 प्यू के बारे में जानिए
रूसी राष्ट्रपति का बेड़ा 'स्पेशल एयर डिटैचमेंट' द्वारा संचालित किया जाता है, जो राष्ट्रपति कार्यालय के अधीन है। Ilyushin Il-96-300, जिसे अक्सर 'फ्लाइंग क्रेमलिन' कहा जाता है, सोवियत काल के अंतिम दौर में Il-86 एयरलाइनर के उत्तराधिकारी के रूप में विकसित किया गया था। 1980 के दशक में बनी इस लंबी दूरी की विमान श्रृंखला की पहली उड़ान 28 सितंबर 1988 को हुई। इसे 1992 में सर्टिफाइड किया गया और 1993 से सेवा में शामिल किया गया।
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यह चार PS-90A टर्बोफैन इंजन से चलता है, जिनमें प्रत्येक में लगभग 35,000 पाउंड तक का थ्रस्ट होता है। विमान की लंबाई लगभग 55 मीटर, विंगस्पैन 60 मीटर और अधिकतम टेकऑफ़ वजन 250 टन है। इसकी अधिकतम रफ्तार माख 0.84 है और यह लगभग 11,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। कॉकपिट में तीन सदस्यीय क्रू होता है।
ट्रंप के एयरफोर्स वन के बारे में
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अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान बोइंग के VC-25 (747-200B) का मॉडिफाइड संस्करण है, जिसे दुनिया में ‘फ्लाइंग पेंटागन’ कहा जाता है। यह तीन मंजिला विमान लगभग 4,000 वर्गफुट के क्षेत्रफल में बना है। इसमें राष्ट्रपति का निजी सुइट, कॉन्फ्रेंस रूम, बड़ी मीटिंग हॉल, ऑफिस, स्टाफ/सुरक्षा टीम की सीटिंग और फैमिली स्पेस शामिल है. इसमें 102 लोग सफर कर सकते हैं।
एयर फोर्स वन एक बार में 12,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है, और इसमें हवा में ईंधन भरने की क्षमता है, जिससे यह लगभग अनिश्चित समय तक उड़ान जारी रख सकता है। इसमें दुनिया के सबसे एडवांस्ड सैन्य और सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम होते हैं, जिससे राष्ट्रपति सीधे सेना, CIA, पेंटागन और वैश्विक नेताओं से जुड़ सकते हैं। सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत एक कार्गो विमान भी साथ उड़ता है जिसमें राष्ट्रपति की बुलेटप्रूफ कार ‘द बीस्ट’, हेलीकॉप्टर और अन्य सुरक्षा उपकरण मौजूद रहते हैं।
दोनों की कीमत पर एक नजर
रूसी राष्ट्रपति के विमान की कीमत का अनुमान अलग-अलग स्रोतों में भिन्न है, लेकिन यह आमतौर पर 500 से 716 मिलियन डॉलर के बीच बताया जाता है। कुछ भारतीय समाचार स्रोतों ने इसकी कीमत लगभग 6,275 करोड़ रुपये बताई है। अमेरिका के ‘एयर फोर्स वन’ जेट्स को बनाने में $3.9 बिलियन (लगभग ₹32,500 करोड़) की अनुमानित कीमत।
दोनों के बीच मुख्य अंतर
लंबाई में एयर फोर्स वन लगभग 70 मीटर और फ्लाइंग क्रेमलिन 55 मीटर का है। दूरी की क्षमता में पुतिन का विमान आगे है, लेकिन हवा में ईंधन भरने के कारण एयर फोर्स वन की endurance और बढ़ जाती है। इन दोनों विमानों की तुलना सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि दो महाशक्तियों की सैन्य, राजनीतिक और प्रतीकात्मक शक्ति को दर्शाती है।
पुतिन का पूरा शेड्यूल
पुतिन शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे भारत पहुंचेंगे। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य स्वागत समारोह होगा। इसके बाद हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता, लंच, और महत्वपूर्ण समझौतों की घोषणा की जाएगी। शाम को राष्ट्रपति की ओर से एक भव्य राज्य भोज का आयोजन भी होगा।
कितनी है पुतिन की निजी संपत्ति
पुतिन की निजी संपत्ति की बात करें तो उनके पास गेलेंदजिक के काला सागर तट पर 168 एकड़ में फैला महल है, जिसमें पोल डांस से लेकर हुक्का बार, कैसीनो, और एक्वा डिस्को जैसी आधुनिक मनोरंजन सुविधाएं मौजूद हैं।
S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद पर ध्यान केंद्रित
आपको बता दें कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से गहरा मित्रता संबंध रहा है, जो दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है। इस बार भी बातचीत का एक मुख्य विषय भारत द्वारा अतिरिक्त S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद पर ध्यान केंद्रित होगा। भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देने में अमेरिका के ट्रेड टैरिफ मामले ने भी अप्रत्यक्ष भूमिका निभाई है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 4 December 2025 at 12:16 IST