अपडेटेड 30 June 2025 at 23:39 IST
China–India relations : चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद के समाधान और सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर बातचीत जारी रखने की इच्छा जताई है। सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने एक प्रेस ब्रीफिंग में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए संवाद बनाए रखने की इच्छा जाहिर की है। माओ निंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद जटिल है, लेकिन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सीमा प्रबंधन और परिसीमन पर बातचीत करने के लिए तैयार है।
चीन का यह बयान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाल के चीन दौरे के बाद आया है, जिसने एशिया महाद्वीप के दो सबसे बड़े देशों के बीच तनाव कम करने और विश्वास बहाली की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं। माओ निंग ने बताया कि "चीन भारत के साथ सीमा निर्धारण वार्ता और सीमा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर संवाद बनाए रखने के लिए तैयार है। हम संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने और सीमा पार विनिमय और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
यह बयान दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है और दोनों देश समय-समय पर इस मुद्दे पर बातचीत करते रहे हैं।
25 जून, 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए चीन के किंगदाओ का दौरा किया था। यह 2020 के लद्दाख गतिरोध के बाद भारतीय रक्षा मंत्री का पहला उच्च-स्तरीय चीन दौरा था। इस दौरे के दौरान, राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जुन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी, जिसमें सीमा पर शांति और स्थाई समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।
राजनाथ सिंह ने प्रस्तावित किया कि दोनों देशों को एक रोडमैप के तहत जटिल मुद्दों को हल करना चाहिए, जिसमें डी-एस्केलेशन और सीमा पर तनाव कम करने के कदम शामिल हों। उन्होंने 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद हुई विश्वास की कमी को दूर करने के लिए "जमीनी स्तर पर कार्रवाई" की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को सकारात्मक कदम बताया, जो करीब 6 साल बाद फिर से शुरू हुई।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने जोर देकर कहा कि चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, परिसीमन पर चर्चा करने और सीमा-पार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ संवाद बनाए रखने को तैयार है। हालांकि, माओ ने यह भी स्वीकार किया कि सीमा विवाद जटिल है और इसके समाधान में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने और तनाव को प्रबंधित करने पर ध्यान देना चाहिए।
पब्लिश्ड 30 June 2025 at 23:39 IST