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अपडेटेड 22 June 2025 at 16:58 IST

US Attack On Iran : प्रॉक्सी वॉर या मिसाइल अटैक, अमेरिकी हमले के बाद ईरान के पास अब क्या है विकल्प?

US Strikes Iran : ईरान ने दावा किया है कि उसके परमाणु ठिकाने सुरक्षित हैं और रेडिएशन लीक का कोई खतरा नहीं है। अब सवाल ये है कि ईरान अमेरिका पर हमला करेगा या नहीं और करेगा तो कैसे करेगा?

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America Strikes In Iran News : अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम बरसाए हैं। अमेरिका का दावा है कि उसने फोर्डो न्यूक्लियर साइट को तबाह कर दिया, तो वहीं ईरान इससे इनकार कर रहा है। वो अमेरिका को सैटेलाइट इमेज के जरिए आइना दिखा रहा है। अब सच क्या है, क्या अमेरिका का ये ऑपरेशन सिर्फ एक साइकोलॉजिकल वारफेयर था या फिर ईरान की असली ताकत को निशाना बनाने में वो चूक गया? सवाल ये भी है कि अब ईरान के सामने अब क्या विकल्प बचा है?

अमेरिका के ईरान पर हमले की कई देशों ने निंदा है। ओमान, इराक और क्यूबा समेत कई देशों ने हमले का विरोध किया है। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक बुलाने की मांग उठाई है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है। पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से फोन पर बात की है। भारत ने संवाद और कूटनीति से समस्या का समाधान खोजने के लिए कहा है।

ईरान के सामने अब क्या विकल्प?

रक्षा विशेषज्ञ अनुपम तिवारी का मानना है कि ईरान अपनी जनता के सामने कमजोर नहीं दिखना चाहता। इस वजह से वो अमेरिका पर पलटवार करना चाहेगा। अब सवाल ये है कि ईरान अमेरिका पर हमला कैसे करेगा। क्या मिडिल ईस्ट में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा या फिर प्रॉक्सी वॉर के लिए अपने सहयोगियों की मदद मांगेगा? क्योंकि ईरान प्रॉक्सी वॉर में माहिर है। पलटवार करने के लिए ईरान के पास एयर पावर नहीं है और ग्राउंड फोर्स का ऑपशन भी लगभग खत्म हो चुका है।

मिसाइल अटैक

ईरान के पास एक विकल्प मिसाइल अटैक है। ईरान के पास उन्नत किस्म की कई मिसाइलें हैं, लेकिन टारगेट का चुनाव करना एक मुश्किल कड़ी है। क्योंकि ईरान और अमेरिका के बीच सबसे छोटी दूरी (हवाई मार्ग) करीब 7,153 मील (11,512 किलोमीटर) है। अब दूसरा विकल्प बचता है अमेरिका के बेस पर हमला करना, लेकिन इससे दूसरे देश भी ईरान के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। ऐसा हुआ तो ईरान की ताकत पर और चोट पहुंचेगी।

प्रॉक्सी का इस्तेमाल

ईरान को प्रॉक्सी में महारत हासिल है। अमेरिकी बेस को निशाना बनाने के लिए के प्रॉक्सी का इस्तेमाल कर सकता है। हूती समंदर में इस्तेमाल कर सकता है और हिजबुल्लाह-हमास का भी अमेरिकी बेस के लिए इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा ड्रोन हमले भी एक विकल्प हैं। ये प्रॉक्सी वॉर भी लंबा नहीं चल पाएगा, क्योंकि इजरायल और अमेरिका जल्द ही इनको तबाह कर देंगे।

तीसरा विकल्प

अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर घातक पलटवार किया है। तेल अवीव और हाइफा से लेकर यरुशलम तक हमले तेज किए हैं। ईरान ने 40 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल से 10 ठिकानों पर अटैक का दावा किया है। ईरान के पास तीसरा विकल्प भी ये ही है कि इजरायल पर हमला करते रहे। इससे अमेरिका पर दबाव बन सकता है और बातचीत के लिए मान सकता है। क्योंकि ईरान के पास अब बहुत अधिक विकल्प नहीं हैं।

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पब्लिश्ड 22 June 2025 at 16:58 IST