अपडेटेड 15 July 2025 at 14:27 IST
BIG BREAKING: यमन से आई अच्छी खबर, केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली; 16 जुलाई को होनी थी सजा-ए-मौत
फांसी की टालने को लेकर निमिषा के परिजन और समर्थकों ने थोड़ी राहत की सांस ली है, जबकि आगे की कार्रवाई अब दोनों पक्षों के बीच होने वाले समझौते पर निर्भर करेगी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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यमन की जेल में बंद भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया की फांसी फिलहाल टाल दी गई है। यह फैसला ब्लड मनी को लेकर अभी तक कोई अंतिम समझौता न होने के चलते लिया गया है। फैसले की जानकारी जेल अथॉरिटी द्वारा दी गई है। बताया गया है कि निमिषा प्रिया के परिवार और मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार के बीच मुआवज़े (ब्लड मनी) को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन कोई ठोस सहमति अब तक नहीं बन पाई है। फांसी की टालने को लेकर निमिषा के परिजन और समर्थकों ने थोड़ी राहत की सांस ली है, जबकि आगे की कार्रवाई अब दोनों पक्षों के बीच होने वाले समझौते पर निर्भर करेगी।
इसके पहले यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी की सजा सुनाई गई है। 16 जुलाई को निमिषा को यमन में फांसी दी जानी थी लेकिन फांसी की तारीख से ठीक एक दिन पहले ये खुश खबरी आई और निमिषा की फांसी टल गई। 37 वर्षीय निमिषा केरल की रहने वाली हैं और मौजूदा समय वो यमन की एक जेल में बंद हैं। आइए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या था जिसमें निमिषा को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
ये थी पूरी कहानी
निमिषा पर यमन के एक नागरिक की हत्या का आरोप है। इसी मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। वहीं निमिषा का परिवार लगातार फांसी पर रोक लगाने की मांग कर रहा है। 2008 में ही निमिषा यमन गई थीं, और वहां वह एक अस्पताल में काम करने लगीं। कुछ सालों तक काम करने के बाद उन्होंने यमन में ही अपना एक क्लिनिक खोल लिया था। खुद का क्लिनिक खोलने के दौरान निमिषा साल 2014 में तलाल अब्दो महदी के संपर्क में आई थीं। दरअसल, यमन में नियम है कि अगर आपको कोई बिजनेस स्टार्ट करना है, तो यहां के किसी लोकल शख्स का बिजनेस पार्टन होना जरूरी होता है। वहीं दोनों संपर्क में आ गए और बिजनेस पार्टनर बन गए। हालांकि, कुछ ही समय बाद दोनों का झगड़ा हो गया।
2016 में निमिषा की शिकायत पर महदी की हुई थी गिरफ्तारी
निमिषा और महदी के बीच झगड़ा इस हद तक बढ़ गया कि निमिषा को महदी के खिलाफ FIR दर्ज करानी पड़ गई। 2016 में यमन की पुलिस ने महदी को गिरफ्तार भी कर लिया। हालांकि, बाद में उसे रिहा भी कर दिया गया। रिहाई के बाद उसने निमिषा को धमकी देना शुरू कर दिया। निमिषा का कहना है कि महदी ने उसका पासपोर्ट रख लिया था। ऐसे में उससे पासपोर्ट लेने के लिए निमिषा ने एक दिन महदी के पास गई और उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया। संभवतः दवा का ओवरडोज होने की वजह से इस इंजेक्शन की वजह से ही महदी की मौत हो गई। इस घटना के बाद निमिषा ने यमन से भागने की भी कोशिश की लेकिन वह नाकाम रही और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। वह रोजगार की तलाश में यमन गई थीं। वहीं उनकी मां कोच्चि में दूसरों के घरों में काम करती थी। घर में पैसों की दिक्कत की वजह से निमिषा ने यमन जाने का फैसला लिया था। कई सालों तक अस्पताल में काम करने के बाद उसने क्लिनिक खोलने का फैसला किया था। 2018 में निमिषा को महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया। 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायिक परिषद में भी निमिषा को दोषी ठहराया गया। इसके बाद यमन के राष्ट्रपति ने निमिषा के लिए फांसी की सजा पर मंजूरी दे दी थी। हालांकि अब निमिषा की फांसी टल गई है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 15 July 2025 at 14:02 IST