अपडेटेड 12 July 2024 at 21:47 IST

नेपाल में नई सरकार का होगा गठन, जानिए कौन हैं केपी शर्मा ओली जो बनेंगे नए प्रधानमंत्री

Nepal: नेपाल में विश्वास मत खोने के बाद पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal) के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई है।

who is KP Sharma Oli set to become new Prime Minister of Nepal
who is KP Sharma Oli set to become new Prime Minister of Nepal | Image: AP

Nepal: नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड (Pushpa Kamal Dahal) की सरकार बुरी तरह से विश्वास मत हार गई है। अब केपी शर्मा नेपाल में सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।

ऐसे में आइए जानते हैं कि केपी शर्मा ओली कौन हैं जो नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली CPN-UML द्वारा उनकी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड को विश्वास मत लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

कौन हैं केपी शर्मा ओली?

1952 में पूर्वी नेपाल में जन्मे केपी शर्मा ओली को 22 साल की उम्र में एक किसान धर्म प्रसाद ढकाल की हत्या के आरोप में जेल जाना पड़ा था। उनका राजनीतिक करियर उनकी राष्ट्रवादी बयानबाजी और पड़ोसी भारत के साथ टकराव के कारण उतार-चढ़ाव भरा रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पद से हटाए जाने से पहले ओली ने दो मौकों पर यानी 2015-2016 और 2018-2021 तक नेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है।

ओली के राजनीतिक सफर की शुरुआत की बात करें तो उनका राजनीतिक करियर 12 साल की उम्र में ही शुरू हो गया था। वो कम्युनिस्ट नेता रामनाथ दहल की मदद से झापा चले गए थे। 1966 तक उन्होंने कम्युनिस्ट राजनीति के दायरे में अपनी एंट्री सुनिश्चित कर ली थी। 18 साल की उम्र में वो कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए और जल्द ही गिरफ्तार कर लिए गए और 14 साल जेल में बिताए। ओली को 1980 के दशक के मध्य में शाही क्षमा प्राप्त करने के बाद रिहा कर दिया गया था।

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1990 के दशक में ओली ने लोकतांत्रिक आंदोलन में अपने प्रयासों के लिए लोकप्रियता हासिल की, जिसने पंचायत शासन को खत्म कर दिया। अगले कुछ वर्षों में वह नेपाली राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति और कम्युनिस्ट पार्टी में एक महत्वपूर्ण नेता बन गए। 2015 में 597 में से 338 वोट हासिल कर वह प्रधानमंत्री चुने गए। हालांकि, जुलाई 2016 में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपना समर्थन वापस लेने के बाद ओली को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा और वह संसद में अविश्वास प्रस्ताव हार गए।

उनकी लोकप्रियता तब और बढ़ गई जब नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (UML) ने पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में 2018 में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। इस गठबंधन के कारण दोनों पार्टियों का नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में ऐतिहासिक विलय हुआ, जिसमें ओली और प्रचंड सह-अध्यक्षता में रहे और प्रधान मंत्री पद साझा करने पर सहमत हुए।

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सत्ता पर ओली की पकड़ तब कमजोर हो गई जब उन्होंने आंतरिक विवादों के कारण 20 दिसंबर, 2020 को अचानक संसद भंग कर दी। मई 2021 में विश्वास मत के विफल होने के बाद उन्हें अनुच्छेद 76(3) के तहत प्रधान मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया गया क्योंकि कोई भी विपक्षी दल बहुमत की सरकार नहीं बना सका। 12 से 19 नवंबर, 2021 तक नए चुनाव होने तक ओली सरकार अंतरिम सरकार बन गई। इस कार्रवाई को चुनौती दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई 2021 को ओली की नियुक्ति को रद्द कर दिया और शेर बहादुर देउबा को प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया।

भारत के साथ ओली का संबंध?

भारत के साथ ओली के संबंधों पर बात करें तो ओली ने भारत के खिलाफ कठोर रुख अपनाया था। खासकर, 2015 की नेपाल नाकेबंदी के दौरान उन्होंने भारतीय हस्तक्षेप को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने चीन के साथ संबंधों को भी मजबूत किया और भारत के साथ विवादित क्षेत्रों को शामिल करने के लिए नेपाल के मैप को अपडेट किया।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 12 July 2024 at 21:47 IST