अपडेटेड 29 March 2025 at 17:52 IST
हिंदू राष्ट्र और राजशाही की मांग को लेकर नेपाल में उबाल, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह नजरबंद, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
Nepal News : नेपाल में प्रदर्शनकारी राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे। पुलिस ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को नजरबंद कर सुरक्षा हटाई दी है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Nepal Violence : नेपाल में राजशाही बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। राजशाही के समर्थक सड़कों पर उतकर, गणतंत्र मुर्दाबाद और राजशाही जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। काठमांडू में हिंसक झड़पों में दो लोगों की मौत हो चुकी है। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हजारों की तादाद में नेपाल आर्मी और पुलिस के जवान सड़कों पर तैनात हैं।
नेपाल में अब तक 2 लोगों का मौत हो चुकी है और 45 लोग घायल हैं। 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को नजरबंद कर सुरक्षा हटाई दी है। उन्हें कभी गिरफ्तार किया जा सकता है। शुक्रवार को राजतंत्र समर्थकों ने काठमांडू में जमकर तोड़फोड़ की थी। इस तोड़फोड़ में हुए संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए राजा ज्ञानेंद्र शाह को काठमांडू महानगर ने 7 लाख 93 हजार रुपये का नोटिस भेजा है।
प्रदर्शनकारियों की मांग
नेपाल में हालात खराब हो चुके हैं, काठमांडू में राजशाही समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज को भी आग के हवाले कर दिया। राजशाही समर्थकों की मांग है कि नेपाल में 1991 का संविधान फिर से लागू किया जाए। देश में संवैधानिक राजशाही दोबारा लागू कर राजशाही और संसदीय लोकतंत्र एक साथ हो। नेपाल में पुराने कानूनों को वापस लाया जाए और फिर से हिंदू राष्ट्र का दर्जा मिले।
नेपाल हिंसा की वजह
नेपाल पुलिस ने राजशाही समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया है। नेपाल हिंसा की असल वजह फिर से राजशाही का कायम करना है। नेपाल के राजनीतिक दलों ने 2008 में राजशाही को खत्म किया था। संसद से 240 साल पुरानी राजशाही खत्म कर हिंदू राज्य को लोकतांत्रिक गणराज्य में बदला था। तत्कालीन हिंदू राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने 19 मार्च को लोकतंत्र दिवस पर जारी अपने एक वीडियो संदेश में समर्थन मांग था। इसके बाद से उनके समर्थक राजशाही बहाली की मांग कर रहे हैं।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 29 March 2025 at 17:31 IST