अपडेटेड 2 March 2025 at 07:03 IST
'मदद भूले नहीं, रास्ता निकालना होगा', ट्रंप-जेलेंस्की की तीखी नोकझोंक से टेंशन में NATO, यूक्रेनी राष्ट्रपति को दी ये सलाह
नाटो चीफ ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को बड़ी सलाह दी है। उन्होंने जेलेंस्की से कहा है कि उन्हें किसी भी सूरत में ट्रंप से रिश्ते सुधारने के लिए रास्ता खोजना ही होगा।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
- 3 min read

Donald Trump-Zelenskyy News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई तीखी नोकझोंक ने दुनियाभर में हलचल मचा दी। जिस तरह से ट्रंप-जेलेंस्की के बीच बहस हुई औ अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के नेता को फटकार लगाई उससे एक तरफ तो रूस गदगद हो उठा है। दूसरी ओर ट्रंप के रूख से NATO की टेंशन बढ़ गई है।
नाटो चीफ ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को बड़ी सलाह दी है। उन्होंने जेलेंस्की से कहा है कि उन्हें किसी भी सूरत में ट्रंप से रिश्ते सुधारने के लिए रास्ता खोजना ही होगा।
नाटो चीफ ने जेलेंस्की को क्या सलाह दी?
नाटो प्रमुख मार्क रूट ने कहा है कि उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से कहा कि शुक्रवार को व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं के बीच हुई जो जुबानी जंग हुई। इसके बाद अब उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपने रिश्ते को फिर से सुधारने के लिए कोई रास्ता निकालना होगा।
रूट ने बताया कि उन्होंने जेलेंस्की से कहा कि उन्हें वास्तव में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूक्रेन के लिए अबतक किए गए कार्यों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने इस दौरान साल 2019 में ट्रम्प प्रशासन द्वारा यूक्रेन को जैवलिन एंटीटैंक मिसाइलों की आपूर्ति करने के निर्णय का जिक्र किया।
Advertisement
सबका साथ मिलकर काम करना जरूरी- मार्क रूट
ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच शुक्रवार की बैठक को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने भरोसा जताया कि यूक्रेन में अमेरिका स्थायी शांति लाना चाहता है। इसके लिए जरूरी यह है कि हम सब मिलकर काम करें। ऐसे में यह बेहद ही अहम हो जाता है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिकी राष्ट्रपति और वरिष्ठ अमेरिकी नेतृत्व के साथ अपने रिश्ते को सामान्य करें। रुटे ने कहा कि उम्मीद है कि रविवार को जो यूरोपीय नेता की लंदन में बैठक होने वाली हैं, वो यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी प्रदान करके भविष्य के शांति समझौते को सुरक्षित करने में मदद करेंगे।
क्यों हुई ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बहस?
रूस-यूक्रेन युद्ध को 3 साल हो चुके हैं, लेकिन अबतक ये जंग अपने अंत तक नहीं पहुंची। जहां अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस को कमजोर करने के लिए यूक्रेन को मोहरा बनाया और युद्ध में उसे सपोर्ट किया। तो वहीं ट्रंप की वापसी के बाद हालात बदल गए। अमेरिकी राष्ट्रपति इस जंग को खत्म करने चाहते हैं। वह चाहते हैं कि जेलेंस्की रूस के साथ समझौता करें।
Advertisement
इसको लेकर ही बातचीत के दौरान बात बिगड़ गई। ट्रंप ने कहा कि जेलेंस्की शांति नहीं चाहते हैं और वो तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं। तो वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति ने भी साफ किया कि वह रूस के साथ कोई समझौता नहीं मानेंगे। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप का पारा चढ़ गया और उन्होंने जेलेंस्की को फटकार लगाई। साथ ही उन्हें अमेरिका से जाने का संदेश देकर कहा कि अब वह तब ही लौटकर आए, जब शांति चाहते हों।
NATO के लिए अमेरिका क्यों जरूरी?
यूक्रेन, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होना चाहता है और NATO के लिए अमेरिका बेहद जरूरी है। एक वक्त था जब अमेरिका नाटो को करीब 22% फंडिंग करता था, जो अब घटकर करीब 16% हो गई है। यूरोप में अमेरिकी सैनिकों की बड़ी तैनाती है। जर्मनी में सबसे ज्यादा अमेरिकी सैनिक हैं, इटली और ब्रिटेन में भी अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। अन्य ऑपरेशन में भी अमेरिकी सैनिक मदद करते हैं। यूरोप में रूस को अमेरिकी सैनिक ही चुनौती देते हैं।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 2 March 2025 at 07:03 IST