अपडेटेड 22 June 2025 at 18:21 IST
Russia on America attack: अमेरिका के ईरान पर किए हमले को लेकर रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि कई देश ईरान को न्यूक्लियर हथियार देने के लिए तैयार हैं। इस दौरान वे अमेरिका के ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमले को नाकाम भी बताते नजर आए।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया जब अमेरिका के हमलों के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची आज (22 जून) को ही मॉस्को के लिए रवाना होने वाले हैं और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिका के हमले पर कहा, "ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर रात के समय किए गए हमलों से अमेरिका ने क्या हासिल किया है?" इसका जवाब उन्होंने खुद दिया और 10 प्वाइंट्स में अपनी बात समझाई।
पूर्व रूसी राष्ट्रपति ने दावा किया कि अमेरिका के हमले से ईरान की परमाणु ईंधन की साइकिल का महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा अप्रभावित रहा या उसे मामूली क्षति हुई है। अब हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि परमाणु सामग्री का संवर्धन और परमाणु हथियारों का भविष्य में उत्पादन जारी रहेगा। कई देश ईरान को सीधे अपने परमाणु हथियार आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं।
मेदवेदेव ने यह भी कहा कि ईरान का राजनीतिक शासन बच गया है और ये और भी मजबूत हो गया है। लोग देश के नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो पहले सरकार के प्रति उदासीन थे या इसके विरोधी थे।
दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप, जिन्हें कभी 'शांति के राष्ट्रपति' के रूप में जाना जाता था, उन्होंने अब अमेरिका को एक और युद्ध में धकेल दिया है। दुनिया भर के अधिकांश देश इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाइयों का विरोध करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में अब भूल सकते हैं।
अमेरिका के ईरान पर हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची मॉस्को जा रहे हैं, जहां वे रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे। ऐसे में दुनिया की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी होंगी। बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या रूस भी इस जंग में शामिल होने जा रहा है? रूस ने पहले ही कहा था कि इस टकराव से अमेरिका दूर ही रहे, लेकिन बीती रात जिस तरह अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्यियर ठिकानों को निशाना बनाकर हमला कर दिया। इसके बाद सवाल यही है कि ईरानी विदेश मंत्री की पुतिन से मुलाकात इस संघर्ष को नए मोड़ पर तो नहीं ले जाएगी।
पब्लिश्ड 22 June 2025 at 18:21 IST