अपडेटेड 22 June 2025 at 17:55 IST
US attacks Iran: इजरायल-ईरान के बीच जारी जंग में अमेरिका भी कूद गया। उसने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर उनको तबाह करने का दावा किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि यूएस ने ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले किए। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने ईरान पर हमला करने के लिए बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया। क्या है बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, जो यूएस के इस हमले के बाद चर्चा में आ गए? क्यों अमेरिका ने 2.1 अरब डॉलर (लगभग 17,850 करोड़ रुपये) के इस हथियार का इस्तेमाल ईरान पर हमले के लिए किया?
B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना का सबसे उन्नत और अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बताया जाता है। बी-2 को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे यह किसी भी रडार सिस्टम के पकड़ में नहीं आता। इसका पता लगाना लगभग नामुमकिन है। यह दुश्मन की नजर से बचते हुए गहरे और सुरक्षित ठिकानों पर हमला करने के लिए बना है। विमान लगभग 30,000 पाउंड वजनी GBU-57 MOP बम जैसे भारी हथियार को भी अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
B-2 स्टील्थ बॉम्बर की लंबाई करीब 69 फीट, पंखों का फैलाव 172 फीट और ऊंचाई लगभग 17 फीट होती है। इसका खाली वजन 71,700 किलोग्राम है, लेकिन यह पूरी तरह से हथियारों और ईंधन से लैस होकर लगभग 1.70 लाख किलोग्राम तक का भार लेकर उड़ान भरने में सक्षम है।
यह विमान अधिकतम 1010 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है। जान लें कि सामान्य मिशनों के दौरान इसकी क्रूजिंग स्पीड करीब 900 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। B-2 करीब 50,000 फीट (लगभग 15 किलोमीटर) की ऊंचाई तक उड़ सकता है, जिससे यह दुश्मन के रडार सिस्टम और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से आसानी से बच निकलता है।
इस एडवांस्ड बॉम्बर को महज दो लोग संचालित करते हैं- एक मुख्य पायलट और एक मिशन कमांडर, जो पूरे ऑपरेशन को नियंत्रित करते हैं।
B-2 की अधिकतम रेंज लगभग 11,000 किलोमीटर है। हालांकि, हवा में ही ईंधन भरने की तकनीक की मदद से यह दूरी कई गुना बढ़ाई जा सकती है, जिससे यह दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंचने की क्षमता रखता है।
इसका डिजाइन दो आंतरिक हथियार कक्षों से लैस है, जिनमें कई तरह के आधुनिक हथियार फिट किए जा सकते हैं। यही कारण है कि B-2 को एक मल्टी-रोल बॉम्बर कहा जाता है, जो पारंपरिक से लेकर परमाणु हमलों तक के लिए तैयार रहता है।
B-2 स्पिरिट को दुनिया का सबसे महंगा विमान बताया जाता है। B-2 बॉम्बर की लागत भी इसे काफी खास बनाती है। एक विमान पर करीब 2.1 अरब डॉलर (लगभग 17,850 करोड़ रुपये) का खर्च आता है। इतना ही नहीं केवल इसके रखरखाव पर ही हर साल 330 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होते है। जानकारी के अनुसार वर्तमान में अमेरिका के पास केवल 20 B-2 बॉम्बर हैं।
पब्लिश्ड 22 June 2025 at 17:55 IST