अपडेटेड 22 May 2025 at 19:47 IST

जापान के सकुराजिमा ज्वालामुखी में क्यों होता है बार-बार विस्फोट? 3000 मीटर ऊपर आसमान में राख-धुंओं का गुबार; VIDEO

जापान के क्यूशू में हाल ही में सकुराजिमा ज्वालामुखी विस्फोट का वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि राख का गुबार 3000 मीटर ऊपर तक उठा।

जापान के क्यूशू में 15 मई 2025 को कागोशिमा प्रीफेक्चर में स्थित सकुराजिमा ज्वालामुखी में भयंकर विस्फोट हुआ। विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से निकलने वाले राख का गुबार 3000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि गुबार कितना भयानक है। बता दें, सकुराजिमा (Sakurajima) जापान का एक अत्यंत सक्रिय ज्वालामुखी है। इसमें बार-बार विस्फोट होता है।

हालांकि, सकुराजिमा ज्वालामुखी में बार-बार विस्फोट होने के पीछे कई भूवैज्ञानिक कारण होते हैं। इसके लगातार सक्रिय रहने के मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेटों की स्थिति, मैग्मा की निरंतर आपूर्ति, ज्वालामुखी का स्ट्रैटोवोल्केनो प्रकार, स्थानीय ज्वालामुखीय चक्रसमेत को बताया जाता है। इसलिए इसे दुनिया के सबसे सक्रिय और खतरनाक ज्वालामुखियों में गिना जाता है। आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं।

इन वजहों से बार-बार होता है सकुराजिमा ज्वालामुखी विस्फोट

टेक्टोनिक प्लेटों की स्थिति- जापान एक टेक्टोनिक हॉटस्पॉट है, जहां चार प्रमुख प्लेटें (Pacific, Philippine Sea, Eurasian, और North American) आपस में टकराती हैं। सकुराजिमा ज्वालामुखी फिलीपीन सागर प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे सबडक्ट होने (नीचे धंसने) के कारण सक्रिय रहता है। जब एक प्लेट दूसरी के नीचे जाती है, तो वहां की चट्टानें पिघल जाती हैं और मैग्मा बनता है, जो सतह की ओर उठता है।

मैग्मा की निरंतर आपूर्ति- मैग्मा गैसों और उच्च तापमान से भरपूर होता है, जिससे दबाव बढ़ता है और वह समय-समय पर विस्फोट के रूप में निकलता है। मैग्मा लगातार बनता और ऊपर की ओर धकेला जाता है।

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ज्वालामुखी का स्ट्रैटोवोल्केनो प्रकार- सकुराजिमा एक स्ट्रैटोवोल्केनो है, जो विस्फोटक प्रवृत्ति वाले ज्वालामुखियों का प्रकार होता है। इसमें चिपचिपा और गैसों से भरा लावा जमा होता है, जो अचानक विस्फोट करता है। कहा जाता है कि सकुराजिमा पहले एक द्वीप था, लेकिन 1914 के बड़े विस्फोट में निकला लावा इसे मुख्य भूमि से जोड़ गया। यह कागोशिमा खाड़ी में स्थित है, जहां ज्वालामुखीय गतिविधि बहुत अधिक पाई जाती है।

स्थानीय ज्वालामुखीय चक्र- कभी-कभी सकुराजिमा में दिन में कई बार छोटे विस्फोट होते हैं। इसकी वजह से "Frequent Minor Eruptions" ज्वालामुखी लगातार सक्रिय रखते हैं लेकिन अक्सर बड़े नुकसान नहीं पहुंचाते।

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हाल ही में इन दिनों पर फटा ज्वालामुखी

सकुराजिमा ज्वालामुखी इस समय बहुत सक्रिय है और 2025 में अब तक कई बार विस्फोट कर चुका है। 15 मई को सकुराजिमा में एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे राख का गुबार 3000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया। इस विस्फोट के कारण कागोशिमा शहर में राख गिरने की घटनाएं देखी गई। इसके बाद से इलाके में दृश्यता में कमी आई और स्थानीय निवासियों को सतर्क किया गया। 7 अप्रैल 2025 को इस साल का अबतक का 54वां विस्फोट यहां पर हुआ। इससे पहले 3 अप्रैल 2025 को भी ज्वालामुखी फटा था।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 22 May 2025 at 19:47 IST