अपडेटेड 22 May 2025 at 22:20 IST

शहबाज की उड़ी नींद, जल उठा सिंध... क्या है 'ग्रीन पाकिस्तान' और हजारों की संख्या में सड़कों पर क्यों हिंसक प्रदर्शन कर रहे सिंधी?

पाकिस्तान के सिंध में लोग लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग सिंध की आजादी और एक अलग देश की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं।

People of Sindh Protest in Pakistan.
पाकिस्तान में सिंध के लोग सड़कों पर उतरे। | Image: Screen Grab/ FILE PHOTO

पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध में बीते कुछ दिनों से एक विरोध आंदोलनों चल रहा है। सिंध में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों की लहर चल रही है। ये विरोध प्रदर्शन सिंधु देश की मांग पूरी करने को लेकर हो रही है। इस प्रांत में रहने वाले सिंधी लगातार प्रस्तावित स्वतंत्र मातृभूमि सिंधुदेश की मांग को दिन-ब-दिन तेज करते जा रहे हैं।

बता दें, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पाक सेना के नेतृत्व वाली ग्रीन पाकिस्तान पहल के तहत सरकार की 3.3 बिलियन डॉलर की नहर परियोजना का भी विरोध किया जा रहा है। इस विरोध के साथ ही पाकिस्तान सेना के केंद्रीकृत नियंत्रण, आर्थिक अन्याय और सांस्कृतिक हाशिए पर धकेले जाने की तीखी आलोचना में बदल गया है। सिंध प्रांत में, अशांति अब स्वायत्तता, न्याय और स्वतंत्रता के लिए व्यापक आह्वान में बदल गई है।

सड़कों पर उतरे सिंधी

कराची से लेकर सुक्कुर तक और ग्रामीण इलाकों से लेकर प्रांतीय राजधानियों तक, हजारों की संख्या में सिंधी सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों ने राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया है और जल अधिकारों और राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए नारे लगा रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों का दावा है कि विवादास्पद ग्रीन पाकिस्तान पहल, इस्लामाबाद के पंजाब समर्थक पूर्वाग्रह का एक और उदाहरण है, जो सदियों से चली आ रही शिकायत है, जो अब पाकिस्तान की पहले से ही बिखर चुकी क्षेत्रीय एकता को और अधिक नुकसान पहुंचाने का खतरा पैदा कर रही है।

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क्या है ये विवादास्पद नहर परियोजना?

सिंध में अशांति का चरम बिन्दु फरवरी 2025 में तब आया, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में बंजर भूमि की सिंचाई के उद्देश्य से 3.3 बिलियन डॉलर की नहर परियोजना शुरू की। ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव, जिसे देश के खाद्य सुरक्षा संकट का समाधान कहा गया था, ने छह नहरों के माध्यम से 1.9 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि विकसित करने की योजना बनाई - पांच सिंधु नदी के किनारे और एक सतलुज के किनारे।

हालांकि, इस योजना को तुरंत सिंध के लिए अस्तित्व के खतरे के रूप में देखा गया, जो सिंधु नदी के निचले हिस्से में स्थित एक क्षेत्र है और पानी की लगातार कमी से जूझ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित नहर परियोजना का उद्देश्य पंजाब में और भी अधिक पानी को मोड़ना और छोटे किसानों की कीमत पर कॉर्पोरेट को लाभ पहुंचाना है।

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सिंध में कैसे भड़की हिंसा

भारी दबाव के बाद पाकिस्तान सरकार ने अप्रैल महीने के आखिर में घोषणा की कि वह नहर परियोजना को अस्थायी रूप से स्थगित कर रही है, लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी सड़कों से नहीं हटे। 19 मई को बड़े पैमाने पर जारी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। पुलिस ने नौशहरों फिरोज जिले में निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें सिंधी राष्ट्रवादी पार्टी जेय सिंध मुत्ताहिदा महाज (JSMM) के एक प्रमुख कार्यकर्ता जाहिद लघारी की मौत हो गई। पुलिस की बर्बरता में एक अन्य प्रदर्शनकारी की भी जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।

इसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने तेल के टैंकरों को आग लगा दी, राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया और सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजार के घर पर धावा बोल दिया, जो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता हैं। उनके घर में तोड़फोड़ की गई और आंशिक रूप से आग लगा दी गई।
 

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 22 May 2025 at 18:32 IST