अपडेटेड 20 April 2024 at 16:10 IST
नींद से जगते ही कांप उठा ईरान! क्या इराक में ईरानी ठिकाने पर इजरायल ने किया ताबड़तोड़ हमला?
Israel-Iran Conflict: इराक के बेबीलोन प्रांत में ईरान समर्थित आर्म्ड ग्रुप हरकत अल नुजाबा के इस्तेमाल किए जा रहे अड्डे पर शनिवार तड़के हवाई हमला हुआ।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Israel-Iran Conflict: इराक के बेबीलोन प्रांत में ईरान समर्थित आर्म्ड ग्रुप हरकत अल नुजाबा के इस्तेमाल किए जा रहे अड्डे पर शनिवार तड़के हवाई हमला हुआ। इराक के सिक्योरिटी फोर्सेज ने इसकी जानकारी दी। पास के एक अस्पताल ने बताया कि इस हमले में 3 लोग घायल हो गए।
अमेरिका ने किसी भी हमले से किया इनकार
इराक में ईरानी बेस पर हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। यहां तक कि अमेरिकी सेना ने भी एक बयान जारी करते हुए बताया कि उसने इराक में किसी भी स्थान पर कोई भी हमला नहीं किया है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार, दो इजरायली और तीन ईरानी अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए कहा कि यह विस्फोट मध्य ईरान में इस्फहान शहर के पास एक सैन्य हवाई अड्डे पर इजरायल के हमले के एक दिन बाद हुआ।
इससे पहले बदले की आग में जल रहे इजरायल ने शुक्रवार 19 अप्रैल को एक इजरायली हथियार ने देश के सीक्रेट परमाणु हथियार प्रोग्राम के लिए अहम केंद्र ईरानी शहर नान्ताज के पास हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए जिम्मेदार एक डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया था।
ईरान को सबक सिखाना चाहता था इजरायल
पश्चिमी अधिकारियों की मानें तो इजरायल ने काफी नपे-तुले तरीके से ईरान पर हमला किया था, जिससे ईरान को समझ आ जाए कि इजरायली हथियार कभी भी छिपे तरीके से ईरान में घुसकर उसको खत्म कर सकते हैं। दो ईरानी अधिकारियों ने कहा कि हथियार ने पास के इस्फहान प्रांत में एक सैन्य अड्डे पर एस-300 एंटीएयरक्राफ्ट सिस्टम पर हमला किया था।
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इससे ये तो साफ है कि इजरायल भी इस युद्ध को महायुद्ध नहीं बनाना चाहता है। इस वजह से इस हमले को काफी सीमित रखा गया। हालांकि, अब अगर ईरान इस हमले का जवाब देना चाहता है तो यह मामला और भी ज्यादा बढ़ सकता है। आपको बता दें कि अमेरिका समेत दूसरे अन्य देश इस मामले को और अधिक बढ़ने देना नहीं चाहते, जिसके कारण इजरायल को समझाया भी जा रहा है। दूसरी तरफ, लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह और गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल पहले ही अपनी पूरी शक्ति लगा रहा है। ऐसे में अगर तीसरे खेमे में भी उसे युद्ध लड़ना पड़े तो काफी हद तक मामला विश्व युद्ध के करीब पहुंच सकता है, जो दुनिया के लिए चिंता का विषय है।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 20 April 2024 at 16:04 IST