अपडेटेड 18 June 2025 at 16:44 IST
Israel Iran War: खामेनेई कहां हैं, सता रहा डर? ईरान में WhatsApp डिलीट करने का फरमान क्यों हुआ जारी
Israel Iran War: बता दें, इजरायल के साथ जारी युद्ध के बीच ईरान ने अपने नागरिकों से WhatsApp डिलीट करने का आदेश दिया है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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इजरायल के साथ जारी जंग के बीच ईरान ने अपने लोगों से मोबाइल फोन से सोशल मीडिया ऐप WhatsApp हटाने का आग्रह किया है। ईरानी मीडिया के अनुसार मंगलवार की दोपहर से ही यहां के लोगों को अपने स्मार्टफोन से व्हाट्सएप हटाने का आग्रह किया जा रहा है। ईरान ने बिना किसी खास सबूत के आरोप लगाया कि मैसेजिंग ऐप ने इजरायल को भेजने के लिए यूजर्स की जानकारी इकट्ठा की है।
बता दें, ईरान को डर सता रहा है कि कहीं उनका डेटा व्हाट्सएप के जरिए लीक ना हो जाए। वहीं दूसरी ओर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई कहां हैं, इसके बारे में अबतक किसी को जानकारी नहीं हैं। ऐसे में ईरानी सरकार को ये डर भी सता रहा है कि कहीं ईरान के खामेनेई का लोकेशन किसी को पता ना चल जाए। हालांकि, बीते दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्हें पता है कि खामेनेई कहां हैं।
ईरान ने पिछले कुछ सालों में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया है। लेकिन देश में कई लोग उन तक पहुंचने के लिए प्रॉक्सी और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क या वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं। ईरानी सरकार ने 2022 में देश की पुलिस द्वारा पकड़ी गई एक महिला की मौत पर सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान व्हाट्सएप और गूगल प्ले पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, पिछले साल के अंत में उस प्रतिबंध को हटा लिया गया था। इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के अलावा व्हाट्सएप ईरान के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप में से एक था।
WhatsApp ने जारी किया बयान
एक बयान में, व्हाट्सएप ने कहा कि ये झूठी रिपोर्ट हमारी सेवाओं को उस समय अवरुद्ध करने का बहाना होंगी, जब लोगों को उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है।" व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है, जिसका मतलब है कि बीच में कोई सेवा प्रदाता संदेश नहीं पढ़ सकता है।
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मैसेज को ट्रैक नहीं करता WhatsApp
WhatsApp की ओर से साझा बयान में कहा गया, “हम आपके सटीक जगह को ट्रैक नहीं करते हैं, हम यह लॉग नहीं रखते हैं कि हर कोई किसे संदेश भेज रहा है और हम उन व्यक्तिगत संदेशों को ट्रैक नहीं करते हैं जो लोग एक-दूसरे को भेज रहे हैं। हम किसी भी सरकार को जानकारी इकट्ठा करके नहीं भेजते हैं।” एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का मतलब है कि मैसेज को इस तरह से स्क्रैम्बल किया जाता है कि केवल जो मैसेज भेज रहा है, या जिसके पास जा रहा है, वही उन्हें देख सकते हैं। यदि कोई अन्य व्यक्ति संदेश को इंटरसेप्ट करता है, तो उसे केवल एक गड़बड़ दिखाई देगी।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 18 June 2025 at 16:44 IST