अपडेटेड 19 June 2025 at 23:53 IST
ईरान और इजरायल के बीच बीते 7 दिनों से जंग जारी है। दोनों देश ताबड़तोड़ हमले कर रहे है। ये हमला रात के अंधेरे तक सिमट कर नहीं रह गया है, बल्कि दिन के उजाले में भी लगातार मिसाइलें दागी जा रही है। वहीं अगर बात की जाए, कि इस वक्त कौन से देश इजरायल का साथ दे रहे हैं, और कौन ईरान का, तो दुनिया के देशों में तलवार खिंच गई है। एक तरफ कुछ देश ईरान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, तो कुछ देश इजरायल के साथ। वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं, जो खुलकर सामने नहीं आए हैं।
अमेरिका शुरुआत से ही इजरायल के साथ खुले मैदान में उतरा हुआ है। अमेरिका शुरू से ही इजरायल की तरफ से ईरान पर किए गए हमले को सही बता रहा है। वहीं रूस ईरान का साथ देता नजर आ रहा है। रूस ने ना केवल ईरान का साथ देने का रुख अपनाया है, बल्कि अमेरिका को धमकी भी दे दी है। रूस ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर अमेरिका हमले में इजरायल का साथ देता है, या फिर इजरायल को सैन्य सहायता पहुंचाता है, तो इसका अंजाम बुरा होगा।
वहीं चीन की अगर बात की जाए तो शी जिनपिंग भी ईरान का साथ देते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इजरायल से युद्ध विराम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि जंग विवाद का सही तरीका नहीं है।
इजरायल के साथ ब्रिटेन, सऊदी अरब, जर्मनी, कनाडा, जॉर्डन और UAE खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं फ्रांस का झुकाव भी इजरायल की ओर नजर आ रहा है। वहीं ईरान के साथ रूस, चीन, इराक, लेबनान, तुर्किए, पागकिस्तान और मिस्र खड़े हैं। भारत की अगर बात करें, अबतक इंडिया ने किसी भी देश का पक्ष नहीं लिया है। भारत का कहना है कि शांति से बातचीत कर दोनों देशों को अपना विवाद सुलझाना चाहिए।
संयुक्त अरब अमीरात ने इजरायल और ईरान से युद्धविराम करने की अपील की है। वहीं परमाणु विवाद को राजनीतिक और कूटनीतिक तरीके से हल करने की बात कही है।
पब्लिश्ड 19 June 2025 at 23:37 IST