अपडेटेड 14 June 2025 at 18:41 IST
2000 मिसाइलों से होगा अगला हमला, ईरान ने इजरायल को दी धमकी, युद्ध की आग से भारत पर क्या होगा असर?
भारत इजरायल और ईरान दोनों देशों के साथ दोस्ती निभाता है। इजरायल से भारत को हथियार, ड्रोन, मिसाइल डिफेंस सिस्टम और साइबर सुरक्षा तकनीक मिलती है, तो ईरान तेल आपूर्तिकर्ता है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Iran Vs Israel : मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर है। इजरायल ने ईरान पर 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' लॉन्च कर परमाणु ठिकानों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया। जवाब देते हुए ईरान ने इजरायल के खिलाफ 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' लॉन्च कर दिया। दुनिया का हर देश इस जंग को बढ़ने से रोकने की कोशिश में है, लेकिन ईरान और इजरायल दोनों ही पीछे हटने को राजी नहीं है। सवाल यह है कि इजरायल ने ईरान पर हमला क्यों किया और इससे भारत पर क्या असर होगा?
ईरान की सेना ने इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगला हमला दो हजार मिसाइलों से होगा। ईरान ने जोर दिया कि लक्ष्य पूरा होने तक ऑपरेशन 'ट्रू प्रॉमिस-3' जारी रहेगा। दूसरी तरफ ईरान पर पलटवार के लिए इजरायल ने कमर कसी हुई है। IDF ने बयान जारी कर कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते रहेंगे।
ईरान के 9 परमाणु वैज्ञानिकों की मौत
इजरायल ने दावा किया है कि उसके हमले में ईरान के 9 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इजरायल ने मारे गए वैज्ञानिकों के नाम भी जारी किए हैं। इसके अलावा ईरान ने दो सीनियर ईरानी जनरलों के मारे जाने की पुष्टि है। सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली हमलों में दो वरिष्ठ ईरानी जनरल मारे गए हैं, इजरायल ने ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं पर अपना हमला जारी रखा है। सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के खुफिया उप प्रमुख जनरल घोलमरेजा मेहराबी और ऑपरेशन के उप प्रमुख जनरल मेहदी रब्बानी इस हमले में मारे गए।
इजरायल और ईरान में क्यों है तनाव?
इजरायल और ईरान के बीच दुश्मनी कोई नई बात नहीं है। दशकों पुरानी इस दुश्मन की जड़ें धार्मिक, राजनीतिक और सामरिक मतभेदों में हैं। इजरायल, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। इसके अलावा, ईरान हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूहों को समर्थन देता है, जो इजरायल के खिलाफ हमले करते हैं। 7 अक्तूबर, 2023 को हमास के हमले में 1200 इजरायली मारे गए थे। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अधिक बढ़ा है। उधर ईरान का कहना है कि इजरायल क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाता है और उसके ठिकानों पर हमले करता है, जैसे दमिश्क में 2024 का हमला, जिसमें ईरानी कमांडर मारे गए।
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इजरायल ने दावा है कि ईरान कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बना सकता है और इसे रोकना जरूरी था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कहा कहना है कि हमारे हमले परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए हैं, ताकि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके।
भारत पर क्या असर होगा?
अब सवाल यह है कि अगर दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो उसका भारत पर क्या असर पड़ेगा? भारत इजरायल और ईरान दोनों देशों के साथ दोस्ती निभाता है। इजरायल से भारत को हथियार, ड्रोन, मिसाइल डिफेंस सिस्टम और साइबर सुरक्षा तकनीक मिलती है, तो ईरान तेल आपूर्तिकर्ता है। भारत अपनी 85% तेल की जरूरत आयात से पूरी करता है। इजरायल और ईरान में युद्ध हुआ तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें और महंगाई दोनों बढ़ेगी।
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पूर्व भारतीय राजदूत अशोक सज्जनहार ने रिपब्लिक भारत से बात करते हुए कहा कि 'इजरायल के प्रधानमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी को हालात की पूरी जानकारी दी है। ये दर्शाता है कि इजरायल और भारत सामरिक मित्र हैं। भारत ने ये ही मशवरा दिया होगा कि बातचीत से इसे मुद्दे को हल किया जाए। अगर ये युद्ध बढ़ता है और भी देश इसमें शामिल होते हैं, तो ये विश्व के लिए चिंता का विषय होगा। इसका विश्व की शांति और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। पश्चिम एशिया के क्षेत्र में करीब 90 लाख भारतीय हैं, वहां से 50 प्रतिशत से ज्यादा मात्रा में हमारी एनर्जी आती है। इसलिए वहां पर स्थायित्व होना और युद्ध नहीं होना हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।'
इसके अलावा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो गुजरात के कांडला बंदरगाह से यूएई, सऊदी अरब और इजरायल होते हुए यूरोप तक व्यापार को आसान बनाएगी। दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति में इस परियोजना की समयसीमा बिगड़ सकती है। रूस और चीन जैसे देश अगर ईरान के साथ खड़े हो गए तो वैश्विक ध्रुवीकरण बढ़ेगा। ये युद्ध वैश्विक व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को बाधित कर सकता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 14 June 2025 at 17:45 IST