अपडेटेड 15 June 2025 at 12:25 IST

Israel-Iran Conflict: ईरान की फतह मिसाइल ने इजरायल को चौंकाया, 'आयरन डोम' सिस्टम हुआ नाकाम, दहशत में दुनिया

Israel-Iran Conflict: इजरायली हमलों का जवाब देते हुए ईरान ने भी शनिवार आते-आते बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स की बौछार कर दी। इस दौरान बताया जा रहा है कि ईरान के हमलों के आगे इजरायल का शक्तिशाली 'आयरन डोम' सिस्टम नाकाम साबित हुआ।

Israel-Iran Tension
Israel-Iran Tension | Image: Republic

Israel-Iran war: इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष अब भी जारी है। दोनों एक-दूसरे पर मिसाइलें दाग रहे हैं। शनिवार (14 जून) की रात भी इजरायल और ईरान का एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमलों का सिलसिला जारी रहा। जहां इजरायल ने दावा किया कि उसने ईरान के रक्षा मंत्रालय समेत ऑयल डिपो और गैस रिफाइनरी पर मिसाइलें दागी हैं। वहीं, ईरान की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है।

दरअसल, इजरायल ने ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने का हवाला देकर तेहरान पर हमला किया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने अपने हमलों से ईरान के कई एटोमिक सेंटर को तबाह कर दिया। इजरायली अटैक में ईरान के आर्मी चीफ समेत कुछ न्‍यूक्लियर साइंटिस्‍ट भी मारे गए हैं।

ईरान का पलटवार

इजरायली हमलों का जवाब देते हुए ईरान ने भी शनिवार आते-आते बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स की बौछार कर दी। इस दौरान बताया जा रहा है कि ईरान के हमलों के आगे इजरायल का शक्तिशाली 'आयरन डोम' सिस्टम नाकाम साबित हुआ। ईरान की कई बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में यह सफल नहीं हो पाया, जिसकी वजह से इजरायल के कुछ क्षेत्रों को नुकसान हुआ।

कैसे नाकाम हुआ आयरन डोम सिस्टम?

इजरायल की सुरक्षा प्रणाली में सबसे अहम भूमिका आयरन डोम निभाता है। जब कोई रॉकेट उसकी देश की सीमा में दाखिल होता है, तो इसका रडार सिस्टम उसे तुरंत ट्रैक करता है और एक एडवांस कंप्यूटर तय करता है कि वह रॉकेट आबादी वाले हिस्से पर गिरेगा या नहीं। अगर खतरा होता है, तो इंटरसेप्टर मिसाइल लॉन्च कर दी जाती है, जो हवा में ही उस रॉकेट को नष्ट कर देती है। यहां यह भी जान लें कि गाजा से हमास की ओर से छोड़े गए हजारों रॉकेटों को आयरन डोम पहले भी सफलतापूर्वक हवा में ही रोक चुका है।

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हालांकि, यह सुरक्षा प्रणाली मुख्य रूप से नजदीकी दूरी से दागे गए रॉकेट और तोपों के गोले को रोकने के लिए डिजाइन की गई है। इसका उद्देश्य खास तौर पर फिलस्तीन की ओर से होने वाले हमलों को निष्क्रिय करना था। इसी वजह से लंबी दूरी की तेज रफ्तार मिसाइलें, ड्रोन या लड़ाकू विमान कई बार इसकी पहुंच से बाहर रह जाते हैं। इसके अलावा, जबरदस्त और लगातार हमले होने पर आयरन डोम के पास मौजूद इंटरसेप्टर मिसाइलें भी खत्म हो सकती हैं।

किस मिसाइल से किया ईरान ने अटैक? 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने जिस मिसाइल से इजदरायल पर हमला किया वो है फतह-1। यह एक मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी पहुंच लगभग 1400 किलोमीटर मानी जाती है। अगर ईरान को इजरायल के अहम सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना हो, तो उसे कम से कम 1000 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल की जरूरत होती है और फतह-1 मिसाइल इस पर पूरी तरह खरी उतरती है।

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बताया जाता है कि हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के चलते मिसाइल की स्पीड बेहद तेज होती है। ऐसी मिसाइलें बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होती हैं, जिससे वह रडार की पकड़ से बच निकलती हैं। इस वजह से इन्हें ट्रैक करना और इंटरसेप्ट करना काफी मुश्किल होता है। कुछ एक्सपर्ट्स यह तक कहते हैं कि ये मिसाइलें आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को भी मात दे सकती हैं। यही वजह है कि ईरान आयरन डोम जैसी एडवांस सुरक्षा प्रणाली को पार कर इजरायल की सरहदों के भीतर तक हमला करने में सफल रहा।

नेतन्याहू की चेतावनी और अमेरिका का साथ

ईरान और इजरायल के बीच 48 घंटों से संघर्ष चल रहा है। इजरायल ने दावा किया है कि उसने तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया। इसके अलावा, बुशहर और तेहरान में मौजूद तेल डिपो, गैस रिफाइनरी और अन्य रणनीतिक ठिकानों सहित कुल 150 से ज्यादा टारगेट्स पर हमला करने की बात कही। इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ये हमले आने वाले दिनों में और बढ़ेंगे। ईरान को जो देखने को मिलेगा, उसकी तुलना में कुछ भी नहीं हैं।

वहीं, इजरायल के इस हमले को अमेरिका ने पहले ही अपना समर्थन दे दिया। अमेरिका ने कहा कि इजरायल ने हमला करके सही किया। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि मैंने ईरान को बार-बार मौका दिया। अभी भी अगर ईरान परमाणु डील नहीं करता है, अगला हमला और भी खतरनाक हो सकता है। वहीं, ट्रंप की इस चेतावनी के बाद तो ईरान ने भी खुली धमकी दे दी कि अगर इजरायल का साथ दिया तो अमेरिका के एयरबेस पर भी हमला कर देंगे।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 15 June 2025 at 12:24 IST