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अपडेटेड 22 June 2025 at 23:07 IST

ईरान ने बंद किया स्ट्रेट ऑफ होर्मुज, तेल को लेकर बढ़ी दुनिया की टेंशन, भारत को कितना नुकसान?

Iran अगर Strait of Hormuz को पूरी तरह बंद करता है, तो भारत में तेल और गैस की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने को मंजूरी दी है, लेकिन अंतिम निर्णय ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का होगा।

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ईरान ने बंद किया स्ट्रेट ऑफ होर्मुज | Image: X

Strait of Hormuz : ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर किए हमलों को अमेरिका ने पूरी तरह सफल बताया है। अमेरिकी हमले से बौखलाया ईरान ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait of Hormuz) की खाड़ी को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है। ईरानी संसद ने इस जलमार्ग को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है, जिसका अंतिम निर्णय सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और सुप्रीम लीडर अली खामेनेई लेंगे। ईरान के इस फैसले से तेल को लेकर दुनिया की टेंशन बढ़ गई है।

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच एक है। यह फारस की खाड़ी से खुले समुद्र तक जाने वाला एकमात्र समुद्री मार्ग है। ये दुनिया के सबसे रणनीतिक जलमार्ग में से एक है। स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के यह लंबे समय बंद होने से वैश्विक व्यापार और तेल की कीमतों पर सीधा असर पड़ सकता है। 

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज का महत्व

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल मार्गों में से एक है। ये फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है। आंकड़ों के अनुसार इस रास्ते से दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत तेल और Liquefied Natural Gas (LNG) का व्यापार होता है। यह चोक पॉइंट उत्तर में ईरान, दक्षिण में ओमान और यूएई के बीच स्थित है। ये जल मार्ग भारत, चीन और जापान जैसे एशियाई देशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

ये जल मार्ग अपने सबसे संकरे बिंदु पर करीब 33 किलोमीटर चौड़ा है और शिपिंग लेन केवल 3 किलोमीटर चौड़ी है। जो इसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक बनाता है। इसलिए, इसका बंद होना वैश्विक व्यापार के लिए किसी झटके से कम नहीं है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इराक और कुवैत जैसे देशों से तेल और LNG ले जाने वाले टैंकर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज का उपयोग करते हैं। यह क्षेत्र विशेष रूप से अब एक हॉटस्पॉट बन गया है, जब अमेरिका के आधिकारिक रूप से इजरायल-ईरान युद्ध में एंट्री करने के बाद ईरान के तीन परमाणु सेंटर को तबाह किया।

भारत पर क्या असर पड़ेगा?

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज भारत के लिए बेहद जरूरी जल मार्ग है। विश्लेषकों के अनुसार, भारत का करीब 40% तेल और 50% से अधिक LNG आयात इसी मार्ग से होकर जाता है। अकेले कतर से भारत के LNG आयात का 80% हिस्सा है, जबकि दूसरा बड़ा हिस्सा यूएई से आता है और दोनों देश ईंधन की शिपिंग के लिए इसी रास्ते पर निर्भर हैं। स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के बंद होने से तेल की कीमतें बढ़ेंगी, मुद्रास्फीति बढ़ेगी और भारत की GDP पर असर पड़ेगा। विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव के अनुसार, "अगर ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करता है, तो भारत को निश्चित रूप से नुकसान होगा। दुनिया का लगभग 20% कच्चा तेल और दुनिया की 25% प्राकृतिक गैस यहीं से होकर गुजरती है।"

विश्लेषकों के अनुसार स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होने से भारत में तेल की कीमतों में वृद्धि से ईंधन की लागत बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। मुद्रास्फीति का दबाव परिवहन, मैन्युफैक्चरिंग और कृषि सहित अलग-अलग क्षेत्रों में महसूस किया जाएगा। भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव काफी बड़ा होगा और देश को इसके प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करने की आवश्यकता होगी।

ईरान की संसद द्वारा इस निर्णय को मंजूरी दिए जाने के बाद स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का कदम उठाया गया है। ईरानी संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सदस्य मेजर जनरल कोवसारी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने पर आम सहमति बन गई है, लेकिन अंतिम निर्णय ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा लिया जाएगा।

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पब्लिश्ड 22 June 2025 at 23:07 IST