अपडेटेड 20 April 2024 at 21:51 IST

Exclusive: ईरान के क्राउन प्रिंस रेजा पहलवी ने जो बाइडेन को बताया 'कमजोर नेता', ट्रंप का किया समर्थन

Iran News: ईरान के क्राउन प्रिंस रेजा पहलवी ने राष्ट्रपति बाइडेन को "कमजोर नेता" करार देते हुए वर्तमान प्रशासन के प्रति अपना असंतोष व्यक्त किया।

Iran Reza Pahlavi
Crown Prince of Iran Reza Pahlavi Labels Joe Biden ‘A Very Weak Leader,’ Backs Trump | Exclusive | Image: Republic

Iran News: ईरान और इजरायल के बीच चल रही तनातनी के बीच ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस रेजा पहलवी ने ईरान के प्रति ट्रंप प्रशासन की नीतियों के प्रति अपना समर्थन जताया है। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के साथ एक खास इंटरव्यू में पहलवी ने वर्तमान प्रशासन के प्रति अपना असंतोष व्यक्त किया और राष्ट्रपति बाइडेन को "कमजोर नेता" करार दिया और उन पर ईरानी शासन के प्रति तुष्टिकरण की नीति जारी रखने का आरोप लगाया।

क्या बोले ईरान के क्राउन प्रिंस?

रेजा पहलवी ने कहा- 'जो बाइडेन एक कमजोर नेता हैं। जो बाइडेन वर्तमान ईरान शासन के साथ तुष्टिकरण में लगे हुए हैं। ट्रंप का नेतृत्व मजबूत था।'

उन्होंने अपना विश्वास दोहराया कि ट्रंप प्रशासन के दृष्टिकोण की विशेषता ताकत और दृढ़ता है, जो कि ईरान के साथ बाइडेन प्रशासन के व्यवहार में संकल्प की कमी के विपरीत है। ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस ने कहा- टमौजूदा ईरानी शासन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की जरूरत है। पश्चिम को सविनय अवज्ञा आंदोलन के माध्यम से शासन परिवर्तन का समर्थन करना चाहिए।' पहलवी ने आगे कहा कि ट्रंप प्रशासन के दौरान, ओबामा और बाइडेन प्रशासन दोनों की अवधि के विपरीत क्षेत्र के भीतर निष्पादन में उल्लेखनीय कमी आई थी।

'शासन परिवर्तन ईरान के सर्वोत्तम हित में होगा'

ईरान के क्राउन प्रिंस ने ईरान और इजरायल के बीच मौजूदा तनाव के लिए वर्तमान शासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा- 'हाल ही में हमने जो संघर्ष देखा है वह एक समस्या है जो इस शासन के कारण पैदा हुई है। मैं सराहना करूंगा, यदि लोग समस्या को ईरान द्वारा उत्पन्न समस्या के रूप में न देखें, बल्कि इसे शासन द्वारा निर्मित समस्या के रूप में देखें। उन्होंने कहा कि यह ईरानी शासन हमास, हूती जैसे अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से समस्याएं पैदा करना जारी रखेगा।'

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उन्होंने आगे कहा- 'मेरा काम शासन की रक्षा करना नहीं है, बल्कि ईरानी लोगों के हितों की रक्षा करना है, न कि उस शासन की रक्षा करना जिसने हमें हमारी स्वतंत्रता और हमारी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया है। एक शासन जो मजबूत होता है वह अपने नागरिकों का दमन नहीं करता है और 45 वर्षों के बाद भी आक्रामक बना रहता है। अगर यह शासन ध्वस्त हो जाता है तो क्या आपके पास किसी विकल्प के लिए कोई योजना है?'

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 20 April 2024 at 21:51 IST