अपडेटेड 6 June 2025 at 23:38 IST
कोरोना वायरस के बाद चीन पर अब एक और बड़ा संकट मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि चमगादड़ वायरस का एक समूह पहली बार चीन में पाया गया है। यह घातक चमगादड़ वायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (MERS-CoV) से बहुत मिलता-जुलता है। इसे पहली बार चीन में चमगादड़ों में पहचाना गया। कहा जा रहा है कि यह मनुष्यों को संक्रमित करने और संभावित रूप से अगली वैश्विक महामारी को ट्रिगर करने से बस एक कदम दूर है।
नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश एक स्टडी में, रिसर्चर्स ने खुलासा किया कि इन वायरसों का एक खास उपसमूह, जिसे HKU5 के रूप में जाना जाता है, यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है और यह चिंताजनक संकेत दिखाता है। स्टडी के अनुसार यह जानवरों से लोगों में फैल सकता है, जो कि चिंता का विषय है।
कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के सहयोग से वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (WSU) के रिसर्चर्स के नेतृत्व में मेरबेकोवायरस नामक कोरोनावायरस से मिलते-जुलते उपसमूह पर स्टडी किया गया। इसमें MERS शामिल है, जिसमें मानव मृत्यु दर लगभग 34% है।
हालांकि, मेरबेकोवायरस में मनुष्यों को सीधे संक्रमित करने की संभावना नहीं होती है। लेकिन, HKU5 में संक्रमण फैलाने क्षमता दिखाई दे रही है। WSU के कॉलेज ऑफ वेटरनरी मेडिसिन के वायरोलॉजिस्ट माइकल लेटको ने कहा, "मेरबेकोवायरस और HKU5 वायरस - पर वास्तव में बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया गया था, लेकिन हमारा अध्ययन दिखाता है कि ये वायरस कोशिकाओं को कैसे संक्रमित करते हैं। हमने यह भी पाया कि HKU5 वायरस मनुष्यों में फैलने में सक्षम होने से केवल एक छोटा कदम दूर हो सकता है।"
वायरस के स्पाइक प्रोटीन के केवल रिसेप्टर-बाइंडिंग हिस्से को शामिल करने के लिए इंजीनियर किए गए वायरस जैसे कणों का इस्तेमाल करके, रिसर्चर्स ने दिखाया किया कि HKU5 वायरस पहले से ही ACE2 रिसेप्टर का उपयोग कर सकते हैं। बता दें, यह वही रिसेप्टर है, जिसका उपयोग SARS-CoV-2 द्वारा किया जाता है, जो COVID-19 का कारण बनने वाला वायरस है। फिलहाल, HKU5 वायरस चमगादड़ ACE2 से अधिक कुशलता से जुड़ते हैं और अभी तक मानव कोशिकाओं को प्रभावी ढंग से संक्रमित नहीं करते हैं।
पब्लिश्ड 6 June 2025 at 23:38 IST