Published 20:47 IST, August 23rd 2024
'क्या भारत के पास ताकत है...', PM मोदी के कीव दौरे से बौखलाया चीन; 'योगा डिप्लोमेसी' का जिक्र क्यों?
PM Modi Ukraine Visit: PM मोदी के कीव दौरे से चीन को मिर्ची लग रही है।
PM Modi Ukraine Visit: PM मोदी के कीव दौरे से चीन को मिर्ची लग रही है। चीन ने अपने मुखपत्र में इसे 'योगा डिप्लोमेसी' बताया है और कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'योगा डिप्लोमेसी' भी रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति नहीं करा सकती।
आपको बता दें कि चीन ने पहले भी PM मोदी के यूक्रेन दौरे को लेकर अपनी भड़ास निकाली थी। चीन ने कहा था कि यह दौरा मोदी के रूस दौरे से नाराज अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को खुश करने के लिए एक रणनीतिक दौरा है।
चीन ने अब क्या कह दिया?
चीन ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में लिखा है कि हाल के वर्षों में भारत अपनी "योगा डिप्लोमेसी" का प्रदर्शन कर रहा है, इस शब्द का उपयोग मीडिया आउटलेट्स ने उस दृष्टिकोण का वर्णन करने के लिए किया है जिसे नई दिल्ली राष्ट्रों को एक साथ लाकर और अंतरालों को पाटकर अपने बढ़ते वैश्विक प्रभाव का दावा करने के लिए अपना रही है।
चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी की यूक्रेन यात्रा इस 'योगा डिप्लोमेसी' का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य रूस और यूक्रेन दोनों के साथ जुड़ने की देश की क्षमता को प्रदर्शित करना और रूस की पिछली यात्रा को लेकर कई पश्चिमी देशों की चिंताओं को कम करना है। उसने ये भी कहा कि भारतीय नेता का कदम केवल अपना अस्तित्व दिखाने से ज्यादा कुछ होगा और उनका मानना है कि यह पहले से ही बढ़ते संकट को कम करने में कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाएगा।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, नई दिल्ली के पास इस समय मॉस्को और कीव के बीच दूरियों को पाटने की ताकत और प्रभाव का अभाव है, क्योंकि इसका प्रभाव यूरोप में बहुत सीमित है। इसमें इस तथ्य का जिक्र नहीं है कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के आक्रमण के कारण दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गुंजाइश अब कम हो रही है।
US मीडिया में पुतिन से 'दोस्ती' का जिक्र
PM मोदी के कीव दौरे को लेकर अमेरिकी मीडिया में भी चर्चा तेज है। अमेरिकी मीडिया में PM मोदी के इस दौरे को जेलेंस्की के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। इसमें साफ तौर से लिखा गया है कि कीव में भारतीय प्रधानमंत्री की उपस्थिति ही शायद इस वक्त का सबसे अधिक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
PM मोदी के कीव दौरे के लेकर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा है कि रूस के साथ घनिष्ठ व्यापारिक संबंध और युद्ध पर राजनीतिक तटस्थता रखने वाले किसी देश के नेता की यह सर्वोच्च प्रोफाइल यात्रा है।
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Updated 20:47 IST, August 23rd 2024