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अपडेटेड 5 July 2025 at 23:28 IST

तख्तापलट करने में जुटी चीन की सेना? 21 मई से लापता हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग! किसी को नहीं खबर

China president missing : 21 मई से शी जिनपिंग को नहीं देखा गया है और ना ही उनका कोई बयान आया है। क्या यह चीन में सत्ता परिवर्तन का संकेत है, या केवल एक अस्थायी रणनीतिक कदम?

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China presiden Xi Jinping missing political crisis in China
21 मई से लापता हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग! | Image: AP

China Jinping Missing : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले दो हफ्तों से लापता हैं। उन्हें 21 मई से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम, मीडिया बयान या आधिकारिक तस्वीर में नहीं देखा गया है। इसके अलावा 6-7 जुलाई, 2025 को ब्राजील में होने वाले BRICS ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी वो शामिल नहीं होंगे, ऐसा उनके सत्ता में आने के बाद पहली बार होगा। इस असामान्य अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं और विश्व भर में अटकलों को जन्म दिया है कि आखिर शी जिनपिंग कहां हैं? और क्या यह अनुपस्थिति किसी बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत है?

शी जिनपिंग की गैरमौजूदगी ने चीन की राजनीति में तख्तापलट या सत्ता परिवर्तन की अफवाहों को हवा दी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के पहले उपाध्यक्ष जनरल झांग यूक्सिया, जो पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीबी माने जाते हैं, वो सत्ता में उभर सकते हैं। इसके साथ ही, विदेश मंत्री वांग यी और प्रीमियर ली कियांग जैसे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। ये अटकलें इसलिए भी हैं कि शी जिनपिंग की सैन्य सुधार नीतियों और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों में असंतोष पैदा किया है।

क्या ये कोई रणनीति है?

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि जिनपिंग की अनुपस्थिति व्यक्तिगत कारणों, जैसे स्वास्थ्य समस्याओं या रणनीतिक निर्णयों का हिस्सा हो सकती है। शी जिनपिंग ने पहले भी कुछ समय के लिए सार्वजनिक उपस्थिति कम की है, जो चीन की अपारदर्शी राजनीतिक प्रणाली में असामान्य नहीं है। हालांकि, इस बार उनकी अनुपस्थिति का समय और ब्रिक्स जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच से दूरी ने इन अटकलों को और बढ़ावा दिया है।

2012 में हुए थे गायब

यह पहली बार नहीं है जब किसी चीनी राष्ट्रपति की अनुपस्थिति ने सवाल खड़े किए हैं। 2012 में शी जिनपिंग सत्ता में आने से पहले दो हफ्तों तक गायब रहे थे, जिसके बाद वे और मजबूत होकर उभरे। क्या इस बार भी इतिहास खुद को दोहरा रहा है या यह कुछ और गंभीर संकेत दे रहा है? चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बंद कमरे की राजनीति और सूचना पर सख्त नियंत्रण के कारण, सच्चाई का पता लगाना मुश्किल है।

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पब्लिश्ड 5 July 2025 at 23:28 IST