अपडेटेड 17 November 2025 at 14:12 IST

बवाल के बीच कोर्ट का बड़ा फैसला, शेख हसीना दोषी करार; ढाका में नागरिकों पर गोली चलाने से 1400 प्रदर्शनकारियों की हुई थी मौत

बांग्लादेश की एक ट्रिब्यूनल कोर्ट ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी ठहराया।

Security Tightened In Bangladesh As Tribunal Prepares to Deliver Verdict Against Sheikh Hasina In Crimes Against Humanity Case
Sheikh Hasina In Crimes Against Humanity Case | Image: AP

बांग्लादेश की एक ट्रिब्यूनल कोर्ट ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों का दोषी ठहराया। इस मामले में महीनों तक चली सुनवाई पूरी हुई, जिसमें उन्हें पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह पर घातक कार्रवाई का आदेश देने का दोषी पाया गया है।

78 वर्षीय हसीना उस जन-विद्रोह से जुड़े कई आरोपों का सामना कर रही थीं, जिसके कारण उन्हें अगस्त 2024 में पद छोड़ना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट का अनुमान है कि जुलाई विद्रोह के दौरान 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच 1,400 लोग मारे गए थे, क्योंकि उनकी सरकार ने व्यापक सुरक्षा कार्रवाई का आदेश दिया था।

आपको बता दें कि ट्रिब्यूनल कोर्ट  के अनुसार, शेख हसीना को नागरिक भीड़ पर गोलीबारी करने के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने का आदेश देने के लिए मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाया गया है।

कोर्ट ने क्या कहा?

ट्रिब्यूनल कोर्ट ने कहा कि मानवता के विरुद्ध अपराधों में पेश किए गए सभी सबूत सहीं है, और पेश किए गए वीडियोज, फोटोज और ऑडियोज में AI का इस्तेमाल नहीं किया गया है। आपको बता दें कि पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून आज फैसला सुनाए जाने के समय अदालत में मौजूद एकमात्र आरोपी थे। चौधरी ने पिछले साल हुए विद्रोह में अपनी संलिप्तता के लिए जुलाई में अपना अपराध स्वीकार किया था और तब से वह सरकारी गवाह के रूप में गवाही दे रहे हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और एक अन्य सह-आरोपी, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, दोनों ही छिप गए हैं और हसीना भारत में निर्वासन में हैं।

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'अपमानजनक रजाकार' शब्द का इस्तेमाल

चीफ आईसीटी जस्टिस ने कहा कि शेख हसीना ने प्रदर्शनकारी छात्रों की हत्या का आदेश दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि ढाका यूनिवर्सिटी के कुलपति के साथ बातचीत के रिकॉर्ड मौजूद हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि शेख हसीना ने ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए "अपमानजनक रजाकार" शब्द का इस्तेमाल किया। इन अपमानजनक शब्दों से प्रदर्शनकारी भड़क गए। 14 जुलाई, 2024 की अगली रात को हसीना ने एक यूनिवर्सिटी के कुलपति से फोन पर बात की और कहा, "मैंने रजाकारों को फांसी दी है, उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) भी फांसी दी जाएगी। उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।" जज ने बातचीत का हवाला देते हुए कहा, मैं उनकी गिरफ्तारी और कार्रवाई का आदेश दे रहा हूं।

आईसीटी के चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों की हत्या में हेलीकॉप्टरों और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया था। दक्षिण ढाका नगर निगम के मेयर के साथ बातचीत में उन्होंने यह खुलासा किया। फोरेंसिक जांच में सीडी और बातचीत को असली बताया गया है। जज ने कहा कि पूर्व गृह मंत्री, शेख हसीना और पूर्व पुलिस प्रमुख ने मिलकर प्रदर्शनकारियों को मारने और दबाने का काम किया।

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शेख हसीना और उनके सहयोगियों पर 5 आरोप

  1. आरोपियों पर हत्या, हत्या की कोशिश, यातना देने का आरोप है। चार्जशीट में कहा गया है कि हसीना ने पुलिस और अवामी लीग से जुड़े हथियारबंद लोगों को आम नागरिकों पर हमला करने के लिए उकसाया। इसे बढ़ावा दिया और हिंसा रोकने में नाकाम रहे।
  2. हसीना ने छात्र प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियार, हेलिकॉप्टर और ड्रोन इस्तेमाल करने का आदेश दिया।
  3. 16 जुलाई को बेगम रौकेया यूनिवर्सिटी के छात्र अबू सैयद की हत्या से जुड़ा है। आरोप में कहा गया है कि हसीना और अन्य ने इस हत्या के आदेश दिए, इसके लिए साजिश रची और अपराध में शामिल रहे।
  4. 5 अगस्त को ढाका के चांखारपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी गई। यह भी कहा गया है कि यह हत्या हसीना के सीधे आदेश, उकसावे, मदद, साजिश की वजह से हुई।
  5. इस आरोप में 5 प्रदर्शनकारियों को गोली मारकर हत्या करने और एक को घायल करने की बात है। आरोप है कि उन 5 मारे गए लोगों की लाशें जला दी गईं, और एक प्रदर्शनकारी को जिंदा जला दिया गया।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 17 November 2025 at 13:51 IST