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पब्लिश्ड 23:14 IST, July 20th 2024

देखते ही गोली मारने का ऑर्डर, बांग्लादेश में मुश्किल हालत; स्वदेश लौटे करीब 1000 भारतीय छात्र

Bangladesh Protest: ढाका यूनिवर्सिटी में छात्रों को हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी कर अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।अब तक करीब 1,000 छात्र भारत लौटे हैं।

Bangladesh Quota Protest
बांग्लादेश से स्वदेश लौटे करीब 1000 भारतीय छात्र | Image: PTI

Bangladesh Quota Protest: बांग्लादेश में इन दिनों बेहद मुश्किल हालात हैं। सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर देश में छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हालात को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू किया गया है। पड़ोसी देश में पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र अब वापस लौट रहे हैं। अब तक करीब 1,000 छात्र बांग्लादेश से भारत लौटे हैं।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों को तैनात किया है। सरकार ने प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा में अब तक 115 लोगों की जान गई है। ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों को हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी कर अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के मुताबिक बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों की संख्या करीब 15,000 होने का अनुमान है।

भारत आने से पहले छात्रों के डॉक्यूमेंट जांच करता BSF जवान (PC-PTI)

त्रिपुरा सीमा के रास्ते लौटे 100 छात्र

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच करीब 100 छात्र त्रिपुरा सीमा से सुरक्षित भारत लौट आए है। इनके वापस आने में BSF ने अहम भूमिका निभाई है। BSF सीमा पार की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और जवान हाई अलर्ट पर हैं। BSF त्रिपुरा फ्रंटियर के महानिरीक्षक पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने छात्रों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के अधिकारियों से भी सहयोग के लिए बात की है।
 

बांग्लादेश से भारत लौटे छात्र (PC-PTI)

मेघालय के रास्ते लौटे 186 लोग

हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में फंसे कुल 186 और लोग मेघालय के पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले की जांच चौकी के जरिये शनिवार को भारत लौट आए। भारत लौटने वालों में 98 लोग नेपाल के हैं, जबकि मेघालय के आठ छात्रों समेत 88 भारतीय हैं। पिछले तीन दिन में भारत, नेपाल और भूटान वापस लौटने वाले लोगों में ज्यादातर छात्र हैं। मेघालय सरकार ने उन लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया है, जो हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में हैं और पूर्वोत्तर राज्य के अधिकारियों से सहायता मांग रहे हैं।

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की तस्वीर (PC-PTI)

क्यों हो रहे हिंसक प्रदर्शन?

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी उस कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे हैं, जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के परिजनों के लिए दिया गया था। ये आरक्षण सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत है। प्रदर्शनकारी 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह भेदभाव है। छात्र चाहते हैं कि योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जाएं। वहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना आरक्षण का बचाव करती हुई नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि संघर्ष में योगदान देने वालों को सम्मान मिलना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागता सुरक्षाकर्मी (PC-PTI)

हालांकि, बांग्लादेश में निजी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में नौकरी के अवसर बढ़े हैं, फिर भी बहुत से लोग सरकारी नौकरियों को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा स्थिर और आकर्षक माना जाता है। लेकिन हर जगह इतनी नौकरियां नहीं हैं। हर साल, करीब 400,000 स्नातक सिविल सेवा परीक्षा में करीब 3,000 नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।

(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)

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अपडेटेड 23:14 IST, July 20th 2024