अपडेटेड 6 June 2025 at 21:39 IST
बांग्लादेश के सियासत को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। बांग्लादेशी सेना के साथ तनाव के बीच यहां के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने घोषणा की है कि देश का अगला राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में होगा। इसका मतलब ये हुआ कि इससे चुनाव कार्यक्रम को लेकर महीनों से चल रही राजनीतिक अनिश्चितता और अटकलों पर विराम लग जाएगा।
ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित अपने संबोधन में मोहम्मद यूनुस ने पुष्टि की है कि चुनाव आयोग जल्द ही चुनावों से पहले मार्गदर्शन के लिए एक विस्तृत रोडमैप जारी करेगा। उन्होंने कहा, "आने वाले महीने न्याय और सुधार के ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण होंगे, जो व्यापक राजनीतिक सहमति बना सकें।" बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) जैसी विपक्षी पार्टियां दिसंबर 2025 से पहले चुनाव कराने की मांग कर रही थीं, जबकि नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने जोर देकर कहा कि मतदान से पहले सुधारों को पूरा किया जाना चाहिए।
मोहम्मद यूनुस ने कहा, "यह समयसीमा हमें जनता का विश्वास पुनः स्थापित करने और लोगों की इच्छा को प्रतिबिंबित करने वाला चुनाव कराने का अवसर देगा।"
इससे पहले अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम के मुताबिक, देश के मौजूदा हालात और अलग-अलग राजनीतिक दलों से बातचीत के आधार पर बांग्लादेश में चुनाव दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच कराए जा सकते हैं।
बता दें, बीते कुछ समय से बांग्लादेश में अंतरिम युनूस सरकार और सेना के बीच अनबन की खबरें भी सामने आ रही थी। इसकी वजह से ये भी अटकलें लगाई जा रही थी कि बांग्लादेश में फिर से तख्तापलट हो सकता है। ऐसे में ये कारण भी हो सकता है कि युनूस के प्रेस सचिव की तरफ से आम चुनाव की तारीखों को लेकर ऐलान कर दिया गया। डॉ यूनुस ने हाल ही में तीन प्रमुख दलों—बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP), जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP)—के नेताओं के साथ बातचीत की। इन बैठकों में सभी दलों ने चुनाव को लेकर अपनी राय रखी। जमात-ए-इस्लामी ने दिसंबर में चुनाव कराने के पक्ष में हामी भरी, जबकि NCP ने चिंता जताई कि वर्तमान प्रशासनिक माहौल में सभी दलों को समान अवसर नहीं मिल पा रहा है।
इस बीच, डॉ. यूनुस की सरकार ने संवैधानिक सुधारों पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत एक संवैधानिक सुधार आयोग का गठन किया गया है, जो बीते समय की कमियों का विश्लेषण कर एक नया लोकतांत्रिक संविधान तैयार करने की दिशा में कार्य कर रहा है। उनका कहना है कि चुनाव से पहले जरूरी सुधारों को लागू करना आवश्यक है, और अगर ये सुधार जल्द पूरे होते हैं, तो चुनाव दिसंबर 2025 में कराए जा सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन्हें मार्च या जून 2026 तक टाला जा सकता है।
पब्लिश्ड 6 June 2025 at 21:39 IST