अपडेटेड 6 August 2023 at 11:30 IST

भारत के चावल एक्सपोर्ट पर बैन से दुनिया में कोहराम, तेजी से बढ़ी कीमत, करोड़ों लोगों के भूखे रहने की नौबत

Rice Export Ban: भारत के चावल एक्सपोर्ट पर बैन से दुनिया में हड़कंप मच गया है। करोड़ों लोगों के भूखे रहने की नौबत आ गई है।

Rice Export Ban
Rice Export Ban | Image: self

Rice Export Ban: देश में चावल की बढ़ती कीमत को थामने के लिए सरकार ने चावल एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। वहीं, भारत के इस कदम से दुनिया में कोहराम मच गया है। दुनियाभर में चावल की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जाने लगी है। यूएन की फूड एजेंसी एफएओ के अनुसार, चावल की कीमत पिछले 12 सालों के आंकड़े में सबसे टॉप पर पहुंच गया है, जिससे करोड़ों लोगों के भूखे रहने की नौबत आ गई है।

स्टोरी में आगे पढ़ें

  • दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है भारत
  • सितंबर 2011 के बाद हाई लेवल पर पहुंच गया है रेट
  • थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और पाकिस्तान भी चावल के एक्सपोर्टर

दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है भारत

यूएन की फूड एजेंसी एफएओ के अनुसार, राइस प्राइस इंडेक्स 2.8 प्रतिशत की तेजी के साथ बढ़ा है। पिछले साल जुलाई महीने की तुलना में चावल की कीमत में 20 प्रतिशत की तेजी आई है। यह सितंबर 2011 के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गया है। आपको बता दें कि दुनिया में चावल के एक्सपोर्टर्स में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत का है। इसका मतलब है कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। इसके अलावा, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और पाकिस्तान भी चावल के मुख्य एक्सपोर्टर में गिने जाते हैं। चीन, फिलीपींस, बेनिन, सेनेगल, नाइजीरिया और मलेशिया चावल आयात करने वाले देशों में टॉप पर हैं। इसका कारण ये है कि इन देशों में भारतीयों की संख्या बाकी देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। 

यूक्रेन के साथ डील को रूस ने नकारा

रूस और यूक्रेन के बीच डील हुई थी कि रूस यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाज ले जाने वाले जहाजों के बीच कोई अड़ंगा नहीं लगाएगा। वहीं, भारत के बैन के बाद रूस ने भी इस डील पर हथौड़ा मार दिया, जिससे लोगों के भूखे रहने की नौबत आ गई। आपको बता दें कि यूक्रेन सनफ्लावर ऑयल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर माना जाता है, लेकिन रूस के इस फैसले के बाद अनाज और सनफ्लावर ऑयल की कीमत तेजी से बढ़ी, जिससे तेल की कीमतों में 12 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इससे सबसे ज्यादा नुकसान अफ्रीका के देशों को हुआ। पूर्वी अफ्रीका के ज्यादातर देश रूस और यूक्रेन से ही जौ, मक्का और सरसों का इम्पोर्ट करते हैं, लेकिन इस रोक के बाद उनके भूखे रहने की नौबत आ गई।

ये भी पढ़ेंः मिशन चंद्रयान- 3 सफलता के कदम चूमने के करीब, ऑर्बिट से सॉफ्ट लैंडिंग के सफर में अब कितनी चुनौतियां?

Advertisement

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 6 August 2023 at 11:30 IST