अपडेटेड 8 June 2025 at 09:40 IST
कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर जानलेवा हमला हुआ है। शनिवार को बोगोटा में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान एक शख्स ने उनके सिर पर गोली मार दी। गोली लगते ही वो जमीन पर गिर पड़े, गंभीर हालात में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। ट्रंप प्रशासन ने इस हमले की निंदा की है।
कोलंबिया की राजधानी बोगोता में शनिवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब विपक्षी डेमोक्रेटिक सेंटर पार्टी के प्रमुख नेता और 2026 राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार मिगुएल उरीबे तुर्बे पर चुनावी प्रचार के दौरान जानलेवा हमला किया गया। एक रैली को संबोधित करने दौरान उन पर अज्ञात शख्त ने गोली चला दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गोली लगते ही मिगुएल जमीन पर गिर पड़े। उनके समर्थकों और मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत उन्हें उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। कोलंबिया के रक्षा मंत्री पेड्रो सांचेज ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। यह भी जांच का विषय है कि क्या हमले में कोई और भी शामिल था।
ट्रंप प्रशासन के सचिव मार्को रुबियो ने घटना की निंदा करते हुए X पर पोस्ट किया, अमेरिका सीनेटर मिगुएल उरीबे की हत्या के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यह लोकतंत्र के लिए सीधा खतरा है और कोलंबियाई सरकार के उच्चतम स्तरों से आने वाली हिंसक वामपंथी बयानबाजी का परिणाम है। पिछले कुछ दशकों में सुरक्षा और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कोलंबिया की प्रगति को प्रत्यक्ष रूप से देखने के बाद, यह राजनीतिक हिंसा के काले दिनों में वापस जाने का जोखिम नहीं उठा सकता। राष्ट्रपति पेट्रो को भड़काऊ बयानबाजी को कम करने और कोलंबियाई अधिकारियों की रक्षा करने की आवश्यकता है।
कोलंबिया राष्ट्रपति कार्यालय ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र को लिए खतरा बताया। वहीं डेमोक्रेटिक सेंटर पार्टी ने एक बयान में बताया कि मिगुएल को पीठ में गोली लगी है, लेकिन उनकी मौजूदा हालत को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। इस घटना के बाद देश में राजनीतिक तनाव और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता गहराती जा रही है। मिगुएल उरीबे कोलंबिया की राजनीति में उभरते चेहरों में से एक माने जाते हैं और यह हमला चुनावी माहौल में हिंसा की आशंका को और प्रबल करता है।
पब्लिश्ड 8 June 2025 at 09:40 IST