अपडेटेड 22 June 2025 at 11:23 IST
Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग में अमेरिका भी सीधे तौर पर कूद आया है। उसने ईरान के तीन परमाणु ठिकाने पर बम बरसाने का दावा किया। यूएस का दावा है कि उसने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों को टारगेट करते हुए अटैक किया। बताया जा रहा है कि हमले फाइटर जेट B-2 बॉम्बर से किए, जिसे अमेरिकी वायुसेना का सबसे ताकतवर हथियार माना जाता है। हमले में सबसे ज्यादा चर्चा खास बम की हो रही है, जो है GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP)।
राष्ट्रपति ट्रंप की मानें तो इन्हीं बम ने ईरान के फोर्डो जैसे परमाणु ठिकाने पर अटैक किया। जानते हैं कि इस बम के बारे में...
MOP यानी मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर (Massive Ordnance Penetrator), तकनीकी रूप से इसे GBU-57 के नाम से जाना जाता है। ये काफी शक्तिशाली बंकर बस्टर बम है, जिसको खासतौर पर उन ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है जो जमीन के भीतर काफी गहराई में बने होते हैं। जैसे- सैन्य बंकर या अंडरग्राउंड न्यूक्लियर प्लांट। इस विशाल बम का वजन लगभग 13,600 किलोग्राम होता है और यह दुनिया के सबसे भारी गैर-परमाणु बमों में से एक है।
आमतौर पर MOP को B-2 स्टील्थ बॉम्बर जैसे एडवांस्ड विमान से करीब 50 हजार फीट की ऊंचाई से गिराया जा सकता है। यह सैटेलाइट-गाइडेड प्रणाली से लैस होता है, जिससे यह सटीकता से अपने लक्ष्य को भेदता है। इसकी ठोस संरचना इसे जमीन में लगभग 60 मीटर तक घुसने में सक्षम बनाती है और फिर यह अंदर जाकर विस्फोट करता है। इससे दुश्मन के मजबूत से मजबूत अंडरग्राउंड स्ट्रक्चर तहस-नहस हो सकते हैं।
बम का निर्माण बोइंग कंपनी ने किया और इसका परीक्षण अमेरिका के न्यू मैक्सिको स्थित व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में हुआ था। जान लें कि MOP को केवल विशेष रूप से तैयार किए गए B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स से ही गिराया जा सकता है और यह मुख्य रूप से गुआम स्थित एयरबेस से संचालित होते हैं।
बताया जाता है कि ईरान का जो फोर्डो प्लांट है, वो पहाड़ के नीचे बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि इस पर केवल MOP जैसा बंकर बस्टर ही हमला कर सकता है।
B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना का सबसे उन्नत और अत्याधुनिक लड़ाकू विमान बताया जाता है। इसे दुश्मन की नज़र से बचते हुए गहरे और सुरक्षित ठिकानों पर हमला करने के लिए तैयार किया गया। इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी स्टेल्थ तकनीक है, जो इसे रडार पर पकड़ में आने से बचाती है। विमान लगभग 30,000 पाउंड वजनी GBU-57 MOP बम जैसे भारी हथियार को भी अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
जान लें कि B-2 बॉम्बर की लागत भी इसे काफी खास बनाती है। एक विमान पर करीब 2.1 अरब डॉलर (लगभग 17,850 करोड़ रुपये) का खर्च आता है। इतना ही नहीं केवल इसके रखरखाव पर ही हर साल 330 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होते है।
ईरान पर हमले के बाद अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि या तो शांति होगी या फिर त्रासदी। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और दुनिया के नंबर एक आतंकवाद प्रायोजक देश द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना था। मैं दुनिया को बता सकता हूं कि ये हमले एक शानदार सैन्य सफलता थी। ईरान की प्रमुख परमाणु संवर्धन सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट कर दी गई हैं। अमेरिका ने ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर हमला किया।
पब्लिश्ड 22 June 2025 at 11:23 IST