अपडेटेड 26 June 2025 at 10:12 IST
Rajnath Singh in China: भारत के रक्षा मत्री राजनाथ सिंह ने चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लिया। साल 2020 में पूर्वी लद्दाख में LAC पर सैन्य गतिरोध के बाद संबंधों में आए तनाव के बाद ये किसी भी रक्षा मंत्री की पहली चीन यात्रा है। इस बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद, शांति और सुरक्षा सहित कई अहम मुद्दों पर बात की।
उन्होंने कहा कि शांति और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। कोई भी देश कितना भी शक्तिशाली हो वह अकेले सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज के समय में शांति की राह में सबसे बड़ी बाधा है। इस दौरान उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र भी किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि निर्दोषों का खून बहाने वालों को छोड़ेंगे नहीं। हमने अफगानिस्तान में भी मानवीय सहायता की है।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर जिक्र किया और कहा कि हमारा आतंकवाद के खिलाफ एक्शन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा, “भारत का मानना है कि रिफॉर्मेड मल्टिलेटरिजम देशों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए संवाद और सहयोग के लिए तंत्र बनाने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी इस अहम बैठक में मौजूद थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव के बीच दोनों नेता पहली बार किसी मंच पर एक साथ नजर आए।
पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर पाकिस्तान को किया जलील
राजनाथ सिंह ने कहा, "एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए किंगदाओ में आना मेरे लिए खुशी की बात है। मैं अपने मेजबानों को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं बेलारूस को एससीओ परिवार में एक नए सदस्य के रूप में शामिल होने पर बधाई देना चाहता हूं।
हम जिस दुनिया में रहते हैं, वह एक बड़े बदलाव से गुजर रही है। वैश्वीकरण, जो कभी हमें एक साथ लाता था, अब अपनी गति खो रहा है। बहुपक्षीय प्रणालियों के कमज़ोर होने से शांति और सुरक्षा बनाए रखने से लेकर महामारी के बाद अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण तक की जरूरी चुनौतियों का समाधान मुश्किल हो गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा, "22 अप्रैल 2025 को, आतंकवादी समूह 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर एक नृशंस और जघन्य हमला किया। एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर प्रोफाइल बनाकर गोली मार दी गई।
द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी है।" उन्होंने कहा, "कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।"
अफगानिस्तान में विकास के लिए हम प्रतिबद्ध
एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के समर्थन में अपनी नीति पर लगातार अडिग रहा है। अफगानिस्तान के सबसे बड़े क्षेत्रीय विकास साझेदार के रूप में भारत अफगान लोगों के लिए क्षमता निर्माण पहलों को लागू करना जारी रखे हुए है।
आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अनुचित है, चाहे उसका उद्देश्य कुछ भी हो, जब भी, जहां भी और किसी के द्वारा भी किया गया हो। एससीओ सदस्यों को इस बुराई की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए। सिंह ने कहा, हम सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद के निंदनीय कृत्यों के अपराधियों, आर्थिक मदद और सपोर्ट करने वालों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने पर जोर देते हैं।
पब्लिश्ड 26 June 2025 at 08:56 IST